मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धि की प्रशंसा की गई। साथ ही कई अहम योजनाओं और प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
कैबिनेट बैठक के बाद यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि राज्य में बीजों के प्रसंस्करण के लिए चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक बड़ा सीड पार्क स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत 270 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में खेती की जाएगी। प्रदेश की बीज आवश्यकताएं लगभग 70 लाख कुंतल हैं, जबकि वर्तमान में उत्पादन मात्र 40 लाख कुंतल है।
यह सीड पार्क 10 विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में स्थापित होगा, जिसका पहला केंद्र अटारी में बनेगा। इस पर लगभग 270 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पार्क में हाईब्रिड बीज तैयार किए जाएंगे, जिससे उत्पादन में डेढ़ गुना वृद्धि होने की संभावना है। कुल मिलाकर इस क्षेत्र में 6500 करोड़ रुपये की निवेश योजना है। सीड उत्पादक कंपनियों को जमीन लीज पर दी जाएगी, जिससे करीब 15,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्तमान में राज्य में 3500 करोड़ रुपये का उत्पादन हो रहा है और 36 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लेने की रुचि जताई है।
बैठक में नगर विकास विभाग की भारत सरकार के सहयोग से चल रही ‘अमृत योजना’ के तहत किए जा रहे कार्यों को भी मंजूरी दी गई। योजना के पहले चरण में 328 परियोजनाओं में से 307 पूरी हो चुकी हैं, जबकि दूसरे चरण में 529 नए कार्य शामिल हैं।
इसके अलावा, यूपी दुग्धशाला विकास एवं उत्पादन नीति को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत दुग्ध आधारित उद्योगों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें छोटे निवेशकों के लिए प्रोत्साहन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पांच करोड़ रुपये का अनुदान भी मिलेगा। नई दुग्ध इकाइयों को 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे बड़ी कंपनियों को भी निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ग्रामीण क्षेत्रों की ग्राम सभाओं की आय बढ़ाने के लिए एक नई योजना का भी खुलासा किया। इसके तहत जो ग्राम सभा अपनी आय बढ़ाएगी, उसे उसकी आय के पांच गुना तक का बजट दिया जाएगा। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये रखे गए हैं। साथ ही, ग्राम पंचायतों में बारातघर बनाने के लिए भी योजना है, जिसमें 60 फीसदी खर्च दान से और 40 फीसदी सरकार की ओर से दिया जाएगा। अब तक 60 से अधिक ग्राम पंचायतों में बारातघर निर्माण की योजना है।
नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा कर्मचारियों के वेतन पुनर्निर्धारण की भी मंजूरी दी गई। वर्तमान में संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा था। निदेशालय में 18 पायलट और 150 से अधिक अन्य पद हैं, जहां पायलट वेतन कम होने के कारण नौकरी छोड़ रहे हैं। इस मुद्दे के समाधान के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।