यूपी निकाय चुनाव: पश्चिम के चारों शहरों में खिला कमल, कस्बों में भी बढ़ी ताकत

स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए संदेश भी हैं और संकेत भी। इसलिए कि यहां के सामाजिक समीकरणों से भाजपा को चुनौती मिलती रही है। शनिवार को आए नतीजों ने बता दिया कि पश्चिमी यूपी में भाजपा संगठन ने मजबूती से पैर जमा लिए हैं।

इसी चुनावी प्रबंधन के दम पर मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद और मुरादाबाद चारों नगर निगम भगवामय हो गए हैं। इन तीनों मंडल में नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी भाजपा ने 2017 के मुकाबले बढ़त बनाई है।

योगी आदित्यनाथ की माफिया के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति और उसके साथ पश्चिम यूपी में भाजपा की संगठनात्मक ताकत व चुनावी मैनेजमेंट बाजी मार गया। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कोई जिताऊ समीकरण नहीं बना पाई। चारों महापौर सीटों पर भाजपा की जीत 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अहम मानी जा रही हैं। 

पश्चिमी यूपी से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के मार्गदर्शन और क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया के नेतृत्व में चुनावी मैनेजमेंट का नतीजों पर असर दिखा है। पश्चिमी यूपी में मेरठ सीट एक चुनौती थी।

2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भरसक प्रयास के बावजूद यहां हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह सहारनपुर मेयर की सीट पर पहले दिन से ही कड़ा मुकाबला माना जा रहा था।

मेरठ में भाजपा ने इस बार रणनीति बदली। ये चुनाव बिना किसी ध्रुवीकरण के लड़ा गया। न तो तूफानी भाषण हुए, न ही बड़े पैमाने पर प्रचार। ये सोची-समझी रणनीति थी। इसका नतीजा ये हुआ मुस्लिमों में प्रतिक्रियात्मक ध्रुवीकरण नहीं हुआ।

बहुजन समाज पार्टी जिस तरीके से चौथे नंबर पर रही, उससे साफ है कि भाजपा संगठन ने मेरठ में दलित वोट पर भी अपनी मजबूत पकड़ बरकरार रखी। सहारनपुर के बारे में भी यही माना जा रहा है कि करीबी मुकाबले के बावजूद भाजपा का विजयी वोट दलित वर्ग से आया है। जो दलित राजनीति के गढ़ सहारनपुर में बहुत बड़ी बात मानी जा रही है।

Lotus bloomed in all the four cities of the west, strength increased in the towns too

नगर निगम से लेकर नगर पालिका-पंचायत, वार्डों में बढ़त
2017 के चुनाव में मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद और मुरादाबाद महापौर की सीट पर भाजपा ने तीन पर जीत हासिल की थी। मेरठ की सीट पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था। शनिवार को निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो भाजपा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। पांच साल बाद मेरठ महापौर की सीट पर फिर से भगवा लहरा गया।

हरिकांत अहलूवालिया ने 107406 वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल की। इसलिए भी ज्यादा मायने रखता है क्योंकि ये प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से जीती गई सीट है। गाजियाबाद में सुनीता दयाल महापौर बनी हैं। सहारनपुर में भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार सिंह महापौर बने हैं। मुरादाबाद में विनोद अग्रवाल चुनाव जीत गए हैं। इन चारों नगर निगम में 330 वार्ड में से 2017 में जहां 142 पर भाजपा जीती थी वहीं, इस बार 182 पर भाजपा के पार्षद जीते हैं।

नगर पालिका की 58 सीटों में से जहां 2017 में भाजपा 11 पर चुनाव जीती थी, इस बार 24 पर विजय हासिल की है। नगर पंचायत में पहले 81 में से 16 पर भाजपा जीती थी, इस बार 88 नगर पंचायत में 18 पर भाजपा जीती है।

देवतुल्य कार्यकर्ताओं और भाजपा पर विश्वास दिखाने वाली जनता का बहुत-बहुत आभार। ट्रिपल इंजन की सरकार होने के चलते चारों महानगर विकास की नई इबारत लिखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने जो विकास कार्य किए हैं, ये जीत उसी का आधार है। – सतेंद्र सिसोदिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा

निकाय – वर्ष 2017 – वर्ष 2023
महापौर – 03 – 04
पालिकाध्यक्ष – 11 – 24
नगर पंचायत अध्यक्ष – 16 – 18

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