उत्तर प्रदेश के आगरा में इनर रिंग रोड के तीसरे चरण में अधिग्रहित 42 हेक्टेयर भूमि की वापसी के लिए बुधवार को तीसरे दिन सदर तहसील में किसानों का धरना व अनशन जारी रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिखा। जमीन वापसी की गुहार लगाई। भूमि नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग की है।
भूख हड़ताल पर बैठे हैं छह किसान
इनर रिंग रोड परियोजना के लिए देवरी, जखौदा सहित चार गांव में भूमि का अधिग्रहण आगरा विकास प्राधिकरण ने 2011 में किया था। 2013 में कुछ किसानों का मुआवजा मिला। जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला वह जमीन वापस मांग रहे हैं। इसे लेकर छह किसान भूख हड़ताल पर हैं। एक किसान की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
बेशकीमती भूमि वापस करने की रखी मांग
अनशन पर बैठे पांच किसानों ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम खून से खत लिखकर नायब तहसीलदार को सौंपा है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि एडीए अधिकारियों की लापरवाही से किसानों को मुआवजा नहीं मिला। 42 हेक्टेयर भूमि का एलाइनमेंट बदल चुका है। इस योजना के लिए भूमि ली गई थी, वो योजना बदल गई। ऐसे में किसानों की बेशकीमती भूमि उन्हें वापस कर दी जाए।
इन किसानों ने खून से लिखा खत
सीएम को खून से खत लिखने वालों में श्याम सिंह चाहर, रघुनाथ शर्मा, भगवान सिंह, वेद प्रकाश, प्रमोद जैन, नरेंद्र सिंह चाहर, शिव कुमार शामिल हैं। धरने पर रामपाल चाहर, गजेंद्र सिंह, उदयवीर, अनिल, महताब सिंह, केके चाहर, राम मोहन आदि मौजूद रहे।