यूपी: नक्सलियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिए एनआईए ने मारा छापा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों को फिर से शुरू करने के प्रयासों को नाकाम करने के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश में आठ स्थानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में की गई थी। छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क, नक्सली साहित्य, किताबें व पर्चे, पॉकेट डायरी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे।

एनआईए के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि जांच से पता चलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने, भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। अधिकारी ने कहा कि जांच में यह पाया गया है कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य प्रमोद मिश्रा वामपंथी चरमपंथी संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए कैडर और ओवर ग्राउंड कार्यकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे थे।

पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिनकी पत्नी का नाम इस मामले से संबंधित एफआईआर में है। प्रवक्ता ने कहा कि रोहित विद्यार्थी से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को मिश्रा को गिरफ्तार करना पड़ा, जो सीपीआई (माओवादी) के एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) का प्रभारी भी था। उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने हथियार और गोला-बारूद जब्त किया और एक बंदूक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।

मामले के संबंध में एनआईए द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में पहले आरोपी मनीष आजाद, उनकी पत्नी अमिता शिरीन और रितेश विद्यार्थी व उनकी पत्नी सोनी आजाद के साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय और उनकी पत्नी सीमा आजाद, कृपा शंकर, आकांक्षा आजाद और राजेश का नाम शामिल था। प्रवक्ता ने कहा कि आजाद कुछ प्रमुख आरोपियों के रूप में सीपीआई (माओवादी) के खुद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here