मुन्ना चौबे के नाम से लंबा राजनीतिक सफर तय करने वाले कांग्रेस के पुराने नेता राजुल नाथ चौबे का सोमवार शाम करीब छह बजे हृदयाघात से निधन हो गया। निधन की खबर आम होते ही बरेली में उनके स्टेशन रोड सिविल लाइंस स्थित आवास पर शोक संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए पहुंचने वालों का तांता लग गया।
मुन्ना चौबे को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके पिता रामेश्वर नाथ चौबे कांग्रेस के छह बार विधायक रहे थे। खुद मुन्ना चौबे भी युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1977-78 में वह बरेली कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष के साथ कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष भी रहे।
1988 में वह जिला परिषद के अध्यक्ष चुने गए थे। 1991-92 में कांग्रेस का जिलाध्यक्ष रहने के बाद उन्होंने 2002 में कांग्रेस के टिकट पर सन्हा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा मगर जीत नहीं पाए। 2007 में आईएमसी के टिकट पर फिर किस्मत आजमाई मगर एक बार फिर विफल हो गए।
2008 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी लेकिन उनकी पहचान हमेशा कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता के तौर पर ही होती रही। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को 12 बजे रामगंगा तट पर होगा।