ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का सर्वे आठ महीने में पूरा हो जाएगा। 170 किमी के इस कॉरिडोर से कानपुर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या सहित कई जिले जुड़ेंगे। इस प्रोजेक्ट पर 7500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यह जानकारी उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बुधवार को हजरतगंज स्थित मंडल कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर चारबाग, ऐशबाग, लखनऊ जंक्शन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनों के दबाव को कम करने में मदद करेगा। कॉरिडोर को ऐसा बनाया जाएगा, जिनकी कनेक्टिविटी स्टेशनों से आसान हो। इसके तहत मोहनलालगंज व आगरा एक्सप्रेस वे की ओर लॉजिस्टिक पार्क भी बनाए जाएंगे। परियोजना के सर्वे को मंजूरी मिल गई है। जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा। 2031 तक प्रॉजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
वार्ता के दौरान सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि लखनऊ और ऐशबाग स्टेशनों पर लगभग 90% मालगाड़ियां और 70-80% पैसेंजर ट्रेनें गुजरती हैं। ज्यादा दबाव होने की वजह से ट्रेनों को आउटर पर रुकना पड़ता है। इससे ट्रेनें देरी की शिकार होती हैं। कॉरिडोर से इसमें भी राहत मिलेगी। सातों मुख्य मार्गों को ऑर्बिटल कॉरिडोर से जोड़ने के साथ ही एक ग्रीन फील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल भी बनेगा। टर्मिनल पर 30 से अधिक लाइनें व बीस प्लेटफॉर्म होंगे। डीआरएम ने बताया कि मंडल के सौ वर्ष अगले महीने पूरे हो रहे हैं। ऐसे में सांस्कृतिक व जागरुकता पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
चारबाग अपग्रेडेशन होगा तेज
डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि चारबाग स्टेशन के अपग्रेडेशन के तहत सेकेंड एंट्री का निर्माण कार्य जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। इससे पूर्व मुख्य एंट्री की ओर निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिए जाएंगे। आवाजाही आसान बनाने के लिए काम किया जा रहा है।