बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्तियां जल्द अटैच की जाएंगी। इसमें उसके व उसकी पत्नी अफ्शा अंसारी के नाम पर बनाई गई संपत्तियां शामिल हैं। उसके खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग केस की जांच में जुटी प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने इन संपत्तियों को चिह्नित किया है। इनमें लखनऊ स्थित एक फ्लैट और गाजीपुर समेत अन्य स्थानों पर स्थित जमीनें हैं।
वर्तमान में बांदा जेल में बंद मुख्तार पूर्व विधायक है। उस पर पिछले साल जुलाई में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद नवंबर में ईडी की टीम ने बांदा जेल में जाकर उससे पूछताछ करते हुए बयान भी दर्ज किया था। मऊ व लखनऊ जनपद में पूर्व में दर्ज तीन मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। आपराधिक मुकदमों के साथ ही जमीनों की हेराफेरी, अवैध कब्जे व गबन आदि के आरोप से संबंधित मामले भी उस पर दर्ज हैं।
धोखाधड़ी सहित कई मुकदमे किए जा चुके हैं दर्ज
इसी के तहत पिछले साल उसके खिलाफ जनपद मऊ में धोखाधड़ी कर विधायक निधि निकालने व अन्य आरोप में केस दर्ज कराया गया था। इससे पहले 2020 में धोखाधड़ी करते हुए जाली दस्तावेज तैयार कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का भी मुकदमा उस पर दर्ज हुआ था। इसी तरह लखनऊ में भी धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित करने के मामले में उस पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इन्हीं मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने उस पर केस दर्ज किया था।
सात खाते भी किए थे चिह्नित
पिछले साल ईडी ने मुख्तार के सात बैंक खाते भी चिह्नित किए थे। इसी दौरान माफिया अतीक अहमद के भी 12 खाते ईडी ने चिह्नित किए थे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधायक की हत्या समेत कुल 49 मुकदमों के आरोपी मुख्तार का साम्राज्य पूर्वांचल के कई जिलों में फैला हुआ है। हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी मांगना, अपहरण समेत तमाम आरोप में उस पर मुकदमे दर्ज हैं। गृह जनपद मऊ से लेकर लखनऊ तक मुख्तार की सरपरस्ती में ही उसके गुर्गे अवैध धंधे संचालित कर रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी के मामले में सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया है। कोर्ट ने मामले को मुख्य न्यायमूर्ति के पास भेजते हुए सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की पीठ ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट के समक्ष अपना तर्क रखना चाहा लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने कहा कि मामले को दूसरी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने से पहले मुख्य न्यायमूर्ति के सामने प्रस्तुत किया जाए। उनके द्वारा नामित किए गए जज के सामने मामले को पेश किया जाए। विधायक ने अपने खिलाफ आजमगढ़ जिले के तरवा थाना में गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में हाईकोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी दाखिल की है।