धर्म का राजनीति के लिए इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए घातक: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी निकाय चुनाव में करारी हार पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंथन करने के लिए गुरुवार को लखनऊ में बैठक बुलाई है।

बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल देश के लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी में सत्ताधारी पार्टी द्वारा जनविरोधी नीतियों, गलत कार्यकलापों आदि कमियों का चुनाव पर प्रभाव कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, इनका द्वेषपूर्ण, दमनकारी व्यवहार एवं धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अति-गंभीर व अति-चिन्ताजनक है। जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है।

मायावती ने कहा कि इन घोर जनविरोधी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने हेतु ठोस रणनीति बनाकर उसके हिसाब से आगे खासकर लोकसभा आम चुनाव के लिए अभी से ही तैयारी में जुट जाने के लिए यूपी स्टेट के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, मण्डल व ज़िला अध्यक्षों आदि की लखनऊ में कल विशेष बैठक है।

प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद यूपी निकाय चुनाव में भी बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में सभी जगहों पर भाजपा की जीत हुई है। सपा-बसपा एक भी सीट नहीं जीत सकी हैं।

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