वाराणसी: अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने मठ में किया नजरबंद, ज्ञानवापी में पूजा की घोषणा की थी

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने उनके मठ में नजरबंद कर दिया है. दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद में किए गए सर्वे के वीडियो में कथित तौर पर शिवलिंग दिखा था. इसने के बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने शनिवार को ज्ञानवापी में पूजा करने की घोषणा की थी. इसके बाद पुलिस ने उन्हें इसकी परमिशन नहीं दी और मठ में नजरबंद कर दिया.

अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की थी कि वे ज्ञानवापी में 71 लोगों के साथ पहुंचेंगे और पूजा करेंगे. इसकी जानकारी के बाद वाराणसी पुलिस ने अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी जाने की इजाजत नहीं दी. वहीं, घोषणा को ध्यान में रखते हुए शनिवार सुबह वाराणसी पुलिस सोनारपुरा इलाके में स्थित अविमुक्तेश्वरांद सरस्वती के विद्या मठ के गेट पर पहुंच गई. 

फिलहाल, पुलिस ने मठ को चारों ओर से घेर लिया है. पुलिस ने अविमुक्तेश्वरानंद के कार्यक्रम को अनुमति नहीं मिलने का हवाला दे रही है. मठ के अंदर और बाहर जाने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. बता दें कि शुक्रवार शाम को प्रशासन ने अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी में पूजा करने की इजाजत नहीं दी थी. 

प्रशासन की ओर से जारी बयान में जोर देकर कहा गया है कि जहां पर संत समाज पूजा करने की मांग कर रहा है, उसे न्यायलय के आदेश के बाद सील किया जा चुका है. ऐसे में वहां पर पूजा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर कोई प्रशासन के आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.

बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं अविमुक्तेश्वरानंद

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हमेशा अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं. कुछ दिन पहले ही एक बयान में उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म में तो एक ही देवता को माना गया है, वे शिव हैं. जो शिव को नहीं जानता है, उनकी महिमा को नहीं समझता है, वो शिवलिंग को फव्वारा ही कहने वाला है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है तो वहां पर पूजा-श्रंगार होना बहुत जरूरी है.

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