यूपी में एसएसपी कार्यालाय के सामने युवक ने आत्मदाह का किया प्रयास, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

बदायूं ससुरालीजन पर प्रताड़ना और लूट का आरोप लगाकर बुधवार को ई-रिक्शा चालक ने एसएसपी कार्यालय परिसर पहुंचकर खुद को आग लगा ली। जिला अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराए जाने के दौरान उसने कहा कि ससुरालियों ने उसका ई-रिक्शा व 2200 रुपये लूट लिए। आरोपितों पर कार्रवाई के बजाय कोतवाल राकेश सिंह, सीओ सिटी संजीव कुमार उसे ही जेल भेजने की धमकी देते थे। अप्रैल में भी आत्मदाह का प्रयास किया, उस समय लोगों ने रोक लिया था।

एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच बैठा दी गई है। वह ज्वलनशील लेकर परिसर में पहुंचा गया, लेकिन किसी पुलिसकर्मी ने नहीं देखा, तलाशी भी नहीं ली। इस लापरवाही पर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

ई-रिक्शा चालक का पत्नी से हुआ था विवाद

ई-रिक्शा चालक गुलफाम अली का पत्नी सनोवर से घरेलू विवाद हुआ था। वह दो वर्ष पहले मायके गईं, लेकिन लौटी नहीं। आरोप है कि वह लेने पहुंचे तो ससुराल वालों ने पिटाई की। उसी समय प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी। कुछ दिन बाद पत्नी ने दहेज उत्पीड़न की प्राथमिकी करा दी। गुलफाम के अनुसार, वह मुजरिया, सिविल लाइंस, शहर कोतवाली में छह प्राथमिकी पंजीकृत करा चुके। इनमें पांच में चार्जशीट लग चुकी है।

युवक को ससुरालीजन परेशान करते रहे

इसके बावजूद ससुरालीजन परेशान कर रहे। दूसरे पक्ष का कहना है कि चार दिन पहले गुलफाम बोतल में पेट्रोल लेकर ससुराल पहुंचे और धमकाया। आरोप है कि एक रिश्तेदार महिला से छेड़छाड़ भी की। उस समय ससुराल वालों ने बंधक बना लिया। तब पुलिस ने गुलफाम को छुड़ाया था। उसी प्रकरण में छेड़छाड़, मारपीट की प्राथमिकी पंजीकृत होने पर गुलफाम का गुस्सा बढ़ता गया।

एसएसपी कार्यालय के सामने युवक ने आत्मदाह का किया प्रयास

पुलिस के अनुसार, बुधवार दोपहर एसएसपी कार्यालय पहुंचे गुलफाम ने अचानक अपने ऊपर ज्वलनशील उड़ेलकर आग लगा ली। उनकी चीख पुकार सुनकर व लपटें देखकर कार्यालय में काम कर रहे पुलिसकर्मी बचाने दौड़े। आग बुझाकर उन्हें तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया। कुछ देर बाद हालत गंभीर पर बरेली के श्रीराममूर्ति मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

पांच पुलिसकर्मी हुए निलंबित

एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि लापरवाही पर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। जिला अस्पताल में गुलफाम ने आरोप लगाया कि सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता दूसरे पक्ष की पैरवी करते हैं। ससुरालीजन पर वोट हैं, मेरे पास नहीं, इसलिए विधायक मेरी पैरवी नहीं करते। विधायक ने आरोपों को झूठ बताया। प्रताड़ना से परेशान होकर आग लगाने की दो वर्ष के अंदर यह आठवीं घटना है। इन मामलों में दो लोगों की मौत हो चुकी है।

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