अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब का इंतेकाल

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जीलानी का बुधवार को इलाज के दौरान इंतेकाल हो गया। 73 वर्षीय जीलानी काफी समय से बीमार चल रहे थे। बीते सोमवार को उन्हें निशात अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके इंतेकाल की खबर फैलते ही मुस्लिम, सामाजिक और अधिवक्ताओं के बीच शोक की लहर दौड़ गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अस्पताल पहुंच कर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि पेश की। रात में नदवा में उनकी नमाज ए जनाजा होने के बाद ऐशबाग कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिये अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी प्रदेश सरकार में अपर महाधिवक्ता भी रहे हैं। जफरयाब जीलानी 73 साल के थे। मई 2021 में पैर फिसलने की वजह से उनके सिर में चोट लगी थी। उन्हें मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। डाक्टरों ने उन्हें ब्रेन हैमरेज बताया था। इसके बाद से वो लगातार बीमार चल रहे थे। जफरयाब जीलानी के भतीजे एडवोकेट जिया जीलानी ने बताया कि बीते सोमवार को पेशाब में तकलीफ बढ़ने के बाद उन्हें निशात अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर इलाज के दौरान आज सुबह करीब 11.45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि उनके देहांत की खबर सुनते ही करीब 12.30 बजे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अस्पताल पहुच गये और गम का इजहार किया। इसके अलावा ईदगााह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, दारुल उलूम नदवतुल उलमा के कुलपति मौलाना बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी, अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन के सचिव अतहर नबी सहित अधिवक्ताओं की भीड़ दिनभर जफरयाब जीलानी के अंतिम दीदार के लिये मॉडल हाउस स्थित उनके आवास पर लगी रही। उन्होंने बताया कि जफरयाब जीलानी के दो बेटे एडवोकेट नजम जीलानी, अनस जीलानी और एक बेटी मारिया जीलानी है। इसके अलावा उनके भाई मसूद जीलानी और इंतेखाब जीलानी भी उनके साथ रहते हैं। जफरयाब जीलानी के एक भाई कमरयाब जीलानी का पहले ही इंतेकाल हो चुका है।

कई संस्थानों की रहनुमाई कर शिक्षा के क्षेत्र में किया काम
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एव ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जफरयाब जीलानी के इंतेकाल पर गम का इजहार करते हुये कहा कि वो कौम की बड़ी शख्सियत थे। उन्होंने बताया कि जफरयाब जीलानी की शुरुआती शिक्षा लखनऊ और उच्च शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हासिल की थी। उन्होंने एएमयू के अल्पसंख्यक किरदार की बहाली के आंदोलन में अहम भूमिका अदा की। इसको लेकरर उन्होंने राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित किया। शहर की अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन के सचिव के अलावा मुमताज डिग्री कालेज और इस्लामिया डिग्री कालेज के प्रबंधक रहे। इसके अलावा दारुल उलूम नदवतुल उलमा और दीनी तालीमी काउंसिल से भी जुड़े थे।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का संयोजक बनने पर चर्चा में आये जीलानी
जफरयाब जीलानी को बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील थे। अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की बात मजबूती से रखने की वजह से राजनीति में न होते हुये भी वो तीन दशक से लगातार से सुर्खियों में बने रहे। फैजाबाद में बाबरी मस्जिद का ताला खोलने के जिला न्यायाधीश के आदेश के बाद फरवरी 1986 में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया गया। कमेटी का संयोजक नियुक्त होने के बाद जफरयाब जीलानी तीन दशक तक हाईकाेर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकी वकालत करते रहे। हालांकि इससे पहले वो ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के सदस्य रहे। इसके अलावा मूवमेंट अगेंस्ट टेरेरिज्म की बुनियाद डाली थी। ऑल इंडिया मुस्लिम यूथ कन्वेंशन के संथापक भी थे।

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