झांसी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में बीते रोज समाजवादी पार्टी द्वारा पत्रकार वार्ता बुलाकर अपनी रणनीति को सार्वजनिक करने का दांव उल्टा पड़ गया। इसके चलते जिन 08 सदस्यों का दम भरते हुए समाजवादी पार्टी के बुन्देलखण्ड के कद्दावर नेता अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का दम भर रहे थे। उनकी हवा निकालते हुए भारतीय जनता पार्टी ने किला फतेह कर लिया।
परिणाम यह निकला कि उन आठ सदस्यों में से महज एक सदस्य ही सपा के खेमे तक पहुंच सका। जबकि प्रस्तावक समेत अन्य 07 नजर ही नहीं आए। बीते रोज देर शाम समाजवादी पार्टी ने एक स्थानीय होटल में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था। उसमें बुन्देलखण्ड के कद्दावर नेता पूर्व राज्यसभा सांसद डा. चन्द्रपाल सिंह यादव समेत गरौठा विधान सभा के पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह,पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह,मऊरानीपुर की पूर्व विधायक रश्मि आर्य,पप्पू सेठ,राकेश पाल व जिलाध्यक्ष महेश कश्यप जैसे सभी दिग्गज समेत वे 08 सदस्य भी शामिल थे जिनका परिचय सपा के सदस्यों के रुप में कराया गया था।
डा. चन्द्रपाल सिंह यादव ने दमखम के साथ इस बात की तक घोषणा कर दी थी कि उन्हें महसूस हो रहा है कि आगामी 03 जुलाई को सपा अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में सफल हो जाएगी। इसके अलावा उन्होंने उन 06 सदस्यों को छुपा कर रखा था जिनके आश्वासन देने का भी सपाई दम भर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कोई भी पत्ते नहीं खोले थे। सभी को यह अंदाजा था कि दोनों ही पार्टियां आमने सामने चुनाव नामांकन करेंगी। लेकिन हुआ इसके उलट। चुनाव आयोग के नियत समय दोपहर बाद 03 बजे तक भाजपा के अलावा कोई भी दल अपनी उम्मीदवारी ठोंकने नहीं आया।
03 बजे के बाद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष महेश कश्यप व पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह ने पत्रकारों को बुलाकर अपना दुखड़ा सुनाया। कहा कि उनके 08 सदस्यों में से केवल एक मात्र सदस्य ब्रजेन्द्र यादव भोजला ही उनके पास तक पहुंच सका है। वहीं उम्मीदवार श्रीमति आशा कमल गौतम ने बताया कि उनके प्रस्तावक समेत सभी सदस्य नामांकन के लिए आ ही नहीं पाए हैं। उनके घरों पर या तो पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है या फिर उन्हें ही थाने में ले जाया गया।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि क्या इसका अंदाजा सपा के अनुभवियों को पहले से नहीं था कि हम अपने पत्ते सार्वजनिक आखिर क्यों करने जा रहे हैं।
जिलाध्यक्ष को कर दिया बलिदानरात होते होते जिलाध्यक्ष महेश कश्यप को सपा जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। यही नहीं यूपी में 12 जिलों में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ नामांकन न किए जाने पर सभी निर्विरोध विजयी होना तय बताया जा रहा है। इनमें से देर रात तक प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी करते हुए सभी जिलाध्यक्षों की बलि चढ़ा दी।