देहरादून, विश्व बैंक की वित्त पोषित पेयजल परियोजनाओं के तहत देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में हजारों घरों को पर्याप्त पानी तो मिलेगा, लेकिन इसका अपव्यय महंगा भी पड़ेगा। दरअसल, इन परियोजनाओं से लाभान्वित होने वाले 87 हजार घरों में पेयजल निगम और जल संस्थान पानी के स्मार्ट मीटर भी लगाएंगे। उपभोक्ता जितना पानी इस्तेमाल करेंगे, उसी हिसाब से उन्हें बिल का भुगतान करना पड़ेगा। इससे जहां पानी की बर्बादी रुकेगी, वहीं सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा।
विश्व बैंक की मदद से देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के 22 क्षेत्रों में 975 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न पेयजल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पहले इन परियोजनाओं में 35 क्षेत्रों को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में लागत बढ़ने पर संख्या कम कर दी गई। इन परियोजनाओं का निर्माण पूरा होने के बाद प्रदेश की तकरीबन साढ़े पांच लाख की आबादी लाभान्वित होगी। लाभान्वित परिवारों को रोजाना 16 घंटे पेयजल मिलेगा। साथ ही पानी का दबाव भी औसत 12 मीटर (जमीन से टंकी तक) रहेगा यानी दो मंजिला मकान में भी पानी आसानी से चढ़ सकेगा। इसके साथ ही प्रति व्यक्ति 100 से 135 लीटर पेयजल उपलब्धता होगी, जबकि मौजूदा समय में यह मात्रा 70 से 75 लीटर है।