भाजपा धर्म व जाति के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहती है: देवेंद्र यादव

राज्य में विधानसभा चुनाव के बीच एक बार फिर मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जुमे की नवाज की छुट्टी जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने पूर्व सीएम हरीश रावत की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उन पर एक धर्म विशेष का हितैषी होने का आरोप लगाया है। वहीं हरीश रावत ने पलटवार करते हुए इसे भाजपा की सोची-समझी रणनीति करार दिया है। 

अपनी एक फेसबुक पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा है कि भाजपा का फिर एक बड़ा झूट, कभी नमाज की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। भाजपा के पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है। इसलिए वह फिर से हिंदू-मुसलमान कर रही है। हरीश ने सवाल किया कि जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से बाहर निकाले हैं? उन्होंने कहा कि जिस सवाल पर भाजपा राजनीतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती थी, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गई।

हरीश ने कहा कि भाजपा भूल गई कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी की थी तो करवाचौथ और संत रविदास के जन्मदिवस की भी छुट्टी दी थी। उन्होंने इन सब मुद्दों को भाजपा की तुष्टीकरण की राजनीति का एक हिस्सा बताया है।

धर्म व जाति के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहती है भाजपा : यादव
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर चुनाव के दौरान तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा के पास पिछले पांच साल की उपलब्धियां बताने के नाम पर कुछ नहीं है, इसलिए वह चुनाव से ठीक पहले धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में लड़ना चाहती है।

कांग्रेस मुख्यालय भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा के पास न तो अपने मुद्दे हैं और न ही अपने किए गए कामों को बताने की फेहरिस्त है। वह हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। कहा कि भाजपाई धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़ाने का काम करते आए हैं।

सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल करने का आरोप लगाया और इसे तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा बताया। कहा कि कांग्रेस पार्टी इन चीजों को नजर अंदाज करना चाहती है। क्योंकि भाजपा का मकसद ही यही है कि वह विकास के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाकर तुष्टिकरण की राजनीति की तरफ मोड़ दे।

कांग्रेस उनसे विकास के मुद्दे पर, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाराचार के मुद्दों पर सवाल पूछती है, लेकिन उनके पास इन बातों का कोई जवाब नहीं होता है। हम सवाल पछूते हैं कि क्यों भाजपा को तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े। क्या वह भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं थे? क्या वह फेल साबित नहीं हुए? आज भी यह सवाल यक्ष प्रश्न की तरह सामने खड़े हैं।

प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस इस बात का जवाब ढूंढ रही है, कैसे लोगों को रोजगार दिए जाएं, कैसे महंगाई पर काबू पाया जाए। हम लोगों की भावना के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो वह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराकर इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।

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