देहरादून:सहपाठी ने की एक छात्रा की हत्‍या,हाथ में तमंचा लिए कर रहा था इंतजार

सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन से चंद कदम दूर हुई हत्या की वारदात की प्रत्यक्षदर्शी साक्षी अब भी सदमे में है। साक्षी को जब भी घटना की याद आती है, वह रो पड़ती है। दरअसल, जिस समय आरोपित आदित्य तोमर ने वंशिका को गोली मारी, उस समय साक्षी सामने ही दुकान पर बैठी थी। वंशिका को गोली मारने का पूरा घटनाक्रम साक्षी के सामने ही हुआ।

अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आदित्य पहले पैदल दुकान तक पहुंचा, उस समय भी उसके हाथ में तमंचा था। करीब 15 मिनट वह वहीं टहलता रहा, जिससे साक्षी बुरी तरह डर गई। उसने 100 नंबर पर फोन किया। थोड़ी ही देर बाद वंशिका दुकान पर पहुंची तो पीछे से आदित्य भी बाइक पर वहां पहुंच गया और वंशिका को जबरन बाइक पर बैठाने लगा। जब उसने इन्कार किया तो आरोपित ने उसे गोली मार दी। घायल अवस्था में वंशिका को आसपास के दुकानदारों ने गाड़ी में बैठाया और अस्पताल लेकर चले गए, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

जिस तरह से आरोपित ने घटना को अंजाम दिया, उससे लग रहा था कि वह वंशिका की हत्या करने की योजना पहले ही बना चुका था। बताया जा रहा है कि आरोपित ने दो दिन पहले ही अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था और अपनी बहन के पहचानपत्र पर नया सिमकार्ड लिया था। इसी नंबर से उसने वंशिका को भी फोन किए थे।

पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपित उसकी पिटाई करने वाले वंशिका के सीनियर छात्रों को सबक सिखाना चाहता था। इसीलिए दुकान में पहुंची वंशिका से वह उसके सीनियर छात्रों को हास्टल से बाहर बुलाने का दबाव बना रहा था, लेकिन वंशिका के सीनियर बाहर नहीं आए, ऐसे में आरोपित ने उसे ही गोली मार दी।

एक बार फायर मिस हुआ तो दूसरी बार लोड किया तमंचा

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वशिंका को गोली मारने के लिए आरोपित ने जब गोली चलाई तो फायर मिस हो गया। सिंगल राउंड तमंचे को आरोपित ने दोबारा लोड किया और गोली चलाई। अफरा-तफरी में वह तमंचा व बाइक वहीं छोड़कर भाग गया।

एक क्लास लेने के बाद निकल गया था आरोपित

कालेज के प्रधानाचार्य डा. शराफत अली के अनुसार, गुरुवार को आदित्य सिर्फ एक ही क्लास में उपस्थित था। इसके बाद वह कालेज से निकल गया था। आरोपित का आचरण कालेज में इतना अच्छा नहीं था। एक बार कालेज में स्टंट दिखाने के कारण उसकी बाइक भी जब्त कर ली गई थी। आरोपित ने खुद को गरीब घर का बताकर फीस माफी के लिए प्रार्थनापत्र दिया था, जिस पर कालेज प्रबंधन विचार कर रहा था।

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