यूक्रेन रूस युद्ध: हजारों भारतीय नागरिकों की जान मुश्किल में-सूर्याकांत

यूक्रेन संकट पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार कड़ा रुख अपनाए हुए है। पार्टी नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार बयानबाजी ज्यादा कर रही है, जबकि इस वक्त रेस्क्यू अभियान को तेज करने की जरूरत है। केंद्र की मोदी सरकार रेस्क्यू अभियान को भी इंवेट की तरह पेश कर रही है।

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्याकांत धस्मान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण हजारों भारतीय नागरिकों (जिनमें सैकड़ों उत्तराखंडी भी हैं) की जान मुश्किल में पड़ी है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से देश की सरकार को रूस व यूक्रेन के तनाव के बारे में पता था, लेकिन सरकार ने अपने नागरिकों की कोई सुध नहीं ली। युद्ध शुरू होने पर फंसे हुए भारतीयों की ओर से मामला उठाने पर सरकार नींद से जागी, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


 धस्माना ने कहा कि ढाई सौ से तीन सौ उत्तराखंड के नागरिक यूक्रेन में फंसे हैं, जिनकी जान को जोखिम है। धस्माना ने कहा कि केंद्र सरकार को हर हाल में अपने नागरिकों को तत्काल सुरक्षित निकाल कर भारत लाने का प्रबंध करना चाहिए।  धस्माना ने कहा कि वर्ष 1990 में खड़ी युद्ध छिड़ने पर तत्कालीन विदेश मंत्री इंद्र कुमार गुजराल स्वयं इराक गए थे और तत्कालीन इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन से मिलकर दो लाख भारतीयों को खाड़ी से सुरक्षित निकाल कर लाए थे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here