- उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पड़ा असर
देवभूमि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होने के साथ ही गंगा व उसकी सहायक नदियों में पानी की मात्रा में कमी आई है। सेंट्रल वाटर कमीशन के विशेषज्ञ गढ़वाल क्षेत्र में 39 स्थानों पर नदियों में जलप्रवाह के अध्ययन में जुटे हैं।
सेंट्रल वाटर कमीशन का कहना है कि नदियों में जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में पानी है। ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है। कमीशन के अधिशासी अभियंता आशीष कुमार सिंघल के मुताबिक पिछले साल छह दिसंबर को जहां ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर 336.87 मीटर था। वहीं, 2020 में 336.40 मीटर पाया गया है।
हरिद्वार में पिछले साल छह दिसंबर को गंगा का जल स्तर 290.30 मीटर था। वहीं, इस साल 291.29 मीटर पाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक उच्च हिमालई क्षेत्रों में होने वाली बर्फबारी और मौसम में आए बदलाव के चलते गंगा और उसकी सहायक नदियों में जल प्रवाह में कमी आई है।
बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम की ओर से राज्य के पर्वतीय इलाकों में जगह-जगह लगाए गए हाइड्रो प्रोजेक्ट को फिलहाल पर्याप्त पानी मिल रहा है। वहीं, हरिद्वार व उसके आगे खेतों की सिंचाई के लिए नहरों में पर्याप्त पानी है। फिर भी गंगा व सहायक नदियों में जल प्रवाह की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। साथ ही इसकी रिपोर्ट सेंट्रल वाटर कमीशन को भी भेजी जा रही है।