बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ छात्रों और इस्कॉन सदस्यों का प्रदर्शन

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के अनुयायियों और ढाका यूनिवर्सिटी (Dhaka University) के छात्रों और शिक्षकों ने सोमवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों (Attacks on Hindu in Bangladesh) का विरोध किया. मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी दी गई है. देश में हिंसा की नई लहर ढाका (Dhaka) से लगभग 255 किलोमीटर दूर रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिला के एक गांव में शुरू हुई, जहां रविवार देर रात दर्जनों हिंदुओं के घरों को जला दिया गया. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की गई, जिसे देश के मुस्लिम बहुसंख्यक समाज द्वारा अपमान के रूप में देखा गया. इसके बाद ही हिंसा शुरू हो गई.

बांग्लादेश छात्र लीग (Bangladesh Chhatra League) ने विरोध मार्च का नेतृत्व किया. इसने देश में हिंदुओं पर हुए हमले के लिए बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर (Bangladesh Islami Chhatra Shibir) को दोषी ठहराया. छात्र लीग ने आरोपियों को कटघरों में लाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की. छात्रों ने यूनिवर्सिटी के टीचर्स के साथ मिलकर ढाका (Dhaka) के एक प्रमुख चौराहे को ब्लॉक कर दिया. कई अन्य हिंदू समूह भी शाहबाग चौराहे (Shahbagh intersection) पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.

बांग्लादेश में क्यों फैली हिंसा?

समाचार वेबसाइट bdnews24.com ने जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां का हवाला देते हुए बताया कि पुलिस को हिंसा की जानकारी मिली और वो मछुआरों के गांव में पहुंची. दरअसल, ये अफवाह फैल गई कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति ने एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें बहुसंख्यक धर्म का अपमान किया गया था. इसके बाद ही तनाव बढ़ गया. रिपोर्ट में कहा गया कि हमलावरों ने आसपास के घरों में आग लगा दी, क्योंकि पुलिस कथित पोस्ट करने वाले व्यक्ति के घर के आसपास पहरा दे रही थी. पीरगंज नगर निगम के मेयर एएसएम ताजिमुल इस्लाम शमीम ने कहा, जो भी इस घटना में शामिल हैं, उन्हें सजा दी जाएगी.

हिंसा रोकने में विफल रहने पर पुलिस अधिकारियों का तबादला

रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया कि रंगपुर जिले के मुख्य सरकारी प्रशासक आसिफ हसन ने कहा कि हमलावरों ने हमले के दौरान नकदी, मवेशी और अन्य कीमती सामान भी चुरा लिया. हसन ने कहा कि 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने हिंसा को काबू करने में विफल रहने पर अशांत क्षेत्रों से सात पुलिस अधिकारियों का तबादला किया है. रविवार को हिंसा तब हुई है, जब पूर्वी जिले कमिला में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान एक पंडाल में कुरान के कथित अपमान को लेकर हिंसा हुई. कमिला से शुरू हुई हिंसा देखते ही देखते चांदपुर, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर जैसे जिलों तक फैल गई.

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