रियलटी चेक में जनता दर्शन से गैरहाजिर मिले 14 डीएम और 16 एसएसपी

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बार बार के निर्देश के बाद भी प्रदेश के अफसर सुधरने को तैयार ही नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश भी उनके लिए कोई अहमियत नहीं रखते है। मुख्यमंत्री पहले कई बार कह चुके है और दो दिन पहले भी उन्होंने निर्देश दिए थे कि डीएम एसएसपी रोज अपने दफ्तर में बैठकर जन समस्या सुने , आज सुबह जिलों में जनता दर्शन के दौरान किए गए रियलटी चेक में 16 जिलों के डीएम और 14 कप्तान गैरहाजिर मिले हैं। 6 महीने पहले भी  प्रदेश में आईएएस-आईपीएस  अफसरों की ऐसी ही स्थिति सामने आयी थी। 

इससे नाराज मुख्यमंत्री योगी ने गैरहाजिर अफसरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिले स्तर पर जनता दर्शन कार्यक्रम की मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी स्तर से मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं।

योगी ने जिलों में जनता दर्शन कार्यक्रम में सुनवाई व्यवस्था को और सुदृढ़  बनाने के लिए आज सुबह रियलटी चेक करने के निर्देश दिए थे। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय से लैंडलाइन पर सभी डीएम को फोन किया गया था। ऐसे ही जिलों में तैनात पुलिस कप्तानों के रियलटी चेक के लिए अपर मुख्य सचिव गृह के कार्यालय से पुलिस के तीन जोन के कप्तानों को फोन किया गया। तीन जोन में डीजीपी मुकुल गोयल ने खुद फोन किया और तीन जोन में एडीजी एलओ के कार्यालय से फोन किया गया। इन सभी अफसरों को साढ़े नौ बजे के पहले और 10 बजे के बाद दो बार फोन किया गया। इस रियलटी चेक में 16 डीएम और 14 कप्तान जनता दर्शन के दौरान कार्यालय से गैरहाजिर मिले।

इसकी जानकारी होने पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर की।  उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को रोज सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जनसमस्याओं और शिकायतों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि भविष्य में भी रियलटी चेक कार्यक्रम जारी रहेगा और जनता दर्शन से अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

आपको बता दें कि मार्च में भी जब ऐसा रियल्टी चेक किया गया था तो प्रदेश के 25 डीएम, चार कमिश्नर गायब मिले थे, जिनसे सरकारी फोन ना उठाने के मामले में 3 दिन के भीतर जवाब मांगा था  जिन कमिश्नर से जवाब मांगा गया था,उनमें वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या व बरेली के कमिश्नर शामिल थे, उन अफसरों के खिलाफ क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है। 

इसी तरह गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बदायूं, अलीगढ़, कन्नौज, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, फिरोजाबाद, हापुड़, अमरोहा, पीलीभीत, बलरामपुर, गोंडा, जालौन, कुशीनगर, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर झांसी, मऊ, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और बरेली के डीएम भी तब अपने दफ्तर से गायब मिले थे। 

इसके अलावा आगरा मंडल के किसी जिले के एसपी-एसएसपी ने फोन नहीं उठाया था,  प्रयागराज, कानपुर नगर, रायबरेली, कन्नौज, औरया, कुशीनगर, जालौन के एसएसपी का भी फोन नहीं उठा था,जिन सभी को भी नोटिस जारी किये गए थे लेकिन 6 महीने बाद आज फिर जब रियल्टी चेक हुआ तो हालात वैसे ही नज़र आये है। 

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