जर्मनी से हवाई मार्ग से आएंगे 23 ऑक्सीजन प्लांट, एक मिनट में होगा 900 किलो का उत्पादन

रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय आक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 40 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट और 2400 लीटर आक्सीजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है।

उन्होंने बताया कि एक अन्य कदम के तहत, रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) में 238 शार्ट सर्विस कमिशन के तहत डाक्टरों की सेवा को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि जर्मनी से लाये जाने वाले संयंत्रों की स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के अस्पतालों में की जायेगी।

मंत्रालय का यह निर्णय तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिये तीनों सेवाओं और अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकारी प्रदान करने की घोषणा की थी। बाबू ने कहा, ‘‘23 सचल आक्सीजन उत्पादन संयंत्र को हवाई मार्ग से जर्मनी से लाया जायेगा। इन्हें कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले एएफएमसी के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि आक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र के एक सप्ताह के भीतर हवाई मार्ग से लाने की उम्मीद है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जरूरी कागजी कार्य पूरा होने पर भारतीय वायु सेना को जर्मनी से संयंत्र लाने के लिये विमान को तैयार रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि विदेशों से और आक्सीजन उत्पादन संयंत्र की खरीद की जा सकती है।

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