भारत रूस के बीच अतिमहत्व के 28 समझौते संपन्न

भारत यात्रा पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष सर्गी शोयगु के साथ और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष सर्गी लैवरोव के साथ बैठक की। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने टू प्लस टू वार्ता भी की। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बारे में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी दी है।

एस-400 मिसाइल प्रणाली को लेकर श्रृंगला ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता के दौरान यूक्रेन सैन्य गतिविधियों के संबंध में रूसी पक्ष ने इस स्थिति पर संक्षिप्त जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि एस-400 की आपूर्ति शुरू हो चुकी है और जारी रहेगी। श्रृंगला ने आगे कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन का हमारे वार्षिक सम्मेलन के लिए भारत आने का फैसला दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके निजी संबंधों के महत्व को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान 28 समझौते या समझौता ज्ञापन संपन्न हुए। समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं। भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में भारतीय समुदाय के हित के लिए, खास तौर पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान, कदम उठाने के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद कहा। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच यात्रा व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और निवेश के मुद्दों पर भी बातचीत हुई।

विदेश सचिव ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले भारत और रूस के बीच कारोबार में इजाफा देखने को मिला है। दोनों देश इस ओर और कदम बढ़ाने के अवसर तलाश रहे हैं। कारोबार और निवेश को लेकर कुछ निश्चित योजनाएं हैं। इनमें जलमार्ग, उर्वरक, कोयला, स्टील, कुशल मैनपावर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाला कोयला आपसी सहयोग के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के तौर पर उभरा है।

दोनों देशों ने ‘सांस्कृतिक सहयोग’ को बताया महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि भारत ने तेल और गैस के साथ पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाने में रुचि व्यक्त की। हम रूस से साथ अपने बौद्ध समुदाय को जोड़ने की ओर काम कर रहे हैं। रूस में लगभग डेढ़ करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह समुदाय तीर्थयात्रा आदि के लिए भारत की ओर काफी रुचि रखता है। श्रृंगला ने कहा कि इन सब स्थितियों को देखके हुए दोनों देशों के लिए सांस्कृतिक सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here