परभणी हिंसा मामले में 3 केस दर्ज, अब तक 51 लोग गिरफ्तार

महाराष्ट्र के परभणी शहर में संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त करने को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था. वहीं, इस सिलसिले में अब तक कम से कम 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, 3 मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. महाराष्ट्र के परभणी शहर में 10 दिसंबर की शाम को यह हिंसा भड़क उठी थी.’

परभणी शहर में 10 दिसंबर की शाम को उस समय हिंसा भड़क उठी थी, जब परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास स्थापित संविधान की प्रतिकृति को तोड़ दिया गया था. वहीं, बुधवार को इस तोड़फोड़ के विरोध में आयोजित बंद ने हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान भीड़ ने आगजनी की और दुकानों, वाहनों और यहां तक ​​कि डीएम कार्यालय में भी तोड़फोड़ की.

‘5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा’

अधिकारी ने कहा, ‘हमने अब तक हिंसा के संबंध में तीन मामले दर्ज किए हैं. 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि जांच जारी है और हम कुछ वीडियो देख रहे हैं.’उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों को ढूंढने के लिए कोई टीम तैनात नहीं की है. अधिकारी ने कहा कि शहर में स्थिति शांतिपूर्ण है. अब तक हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है.

वहीं, संविधान की प्रतीकात्मक पुस्तक फिर से स्थापित कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 189 के लागू कर दी गई थी. इसके तहत 5 से ज्यादा लोगों के एक जगह पर उपस्थित होने की मनाही रहती है. पुलिस ने बताया कि परभणी में 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा. इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय जाधव ने बीजेपी पर निशाना साधा है.

तोड़फोड़ के समय ये नेता कहां गए थे?- संजय जाधव

संजय जाधव ने सवाल किया कि जब परभणी में हिंसा भड़की तो बीजेपी के नेता कहां थे. जाधव ने पत्रकारों से कहा, ‘परभणी में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. घटना की साजिश रचने वाले व्यक्ति का पता लगाना भी जांच का हिस्सा है. उस समय सड़क पर बहुत सारे लोग थे. कोई व्यक्ति (संविधान की) प्रतिकृति को कैसे क्षतिग्रस्त कर सकता है?’ उन्होंने कहा कि प्रशासन को उन लोगों की मदद करनी चाहिए जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नुकसान हुआ है.

जाधव ने कहा, ‘जब परभणी में हिंसा भड़की और दंगे शुरू हुए तो बीजेपी के लोग कहां चले गए थे? केवल भाषण देना और राजनीतिक लाभ हासिल करना आसान है. लेकिन इसके परिणामों को संभालना मुश्किल होता है. जब वाहनों में तोड़फोड़ की जा रही थी, तब ये नेता कहां गए थे?’ उन्होंने अपने खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करने वाले बीजेपी नेताओं की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली में था और किसी घटना में शामिल नहीं था. जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए.’

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