52वीं जीएसटी परिषद बैठक: गन्ना किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 70 प्रतिशत मोटे अनाज वाले आटे को अगर खुला बेचा जाए तो इसपर पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसे पैक करके बेचने पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने शीरा पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 28 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है। जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक आज दिल्ली में हुई। वित्त मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि जीएसटी परिषद ने आज ईएनए पर कर लगाने का अधिकार राज्यों को सौंप दिया है। यदि राज्य इस पर कर लगाना चाहते हैं, तो उनका ऐसा करने के लिए स्वागत है। यदि राज्य इसे छोड़ना चाहते हैं, तो इस पर निर्णय लेने के लिए उनका स्वागत है। जीएसटी परिषद इस पर कर लगाने का निर्णय नहीं ले रही है, हालांकि कर लगाने का अधिकार यहीं है। इसलिए राज्यों के हित में, यदि मैं शब्द का उपयोग कर सकूं तो हमने वह अधिकार राज्यों को सौंप दिया है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण में से एक, जो मैं खुशी के भाव से कहना चाहतr हूं कि जीएसटी काउंसिल बाजरा वर्ष में भाग लेना चाहती थी और इसलिए बाजरा के प्रचार-प्रसार में जीएसटी की भूमिका उसमें नजर आती है। पाउडर के रूप में बाजरा प्रवाह की खाद्य तैयारी जिसमें वजन के अनुसार कम से कम 70% बाजरा होता है। मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि वे एचएस 1901 की श्रेणी में आते हैं। इसलिए पाउडर के रूप में बाजरा को किसी अन्य आटे के साथ मिश्रित किया जा रहा है, जहां बाजरा की संरचना 70% है, हम कहते हैं कि यदि वे पहले से पैक किए गए और लेबल किए गए फॉर्म के अलावा किसी अन्य रूप में बेचे जाते हैं तो उन पर 0% जीएसटी लगेगा। इसलिए यदि वे खुले में बेचे जाते हैं तो 0%, और केवल 5% यदि पहले से पैक किए गए। 

उन्होंने बताया कि जीएसटी 28% से घटाकर 5% कर दिया गया है। हमें उम्मीद है कि इससे गन्ना किसानों को फायदा होगा और इससे उनका बकाया तेजी से चुकाया जा सकेगा क्योंकि मिलों या किसी और के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा। परिषद और हम सभी को लगता है कि इससे पशु आहार के निर्माण की लागत में भी कमी आएगी, जो एक बड़ा विकास होगा। दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी द्वारा 52वीं जीएसटी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को टैक्स नोटिस का मुद्दा उठाने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गेमिंग खेलने पर दिल्ली के मंत्री ही थी। कैसिनो पर, यह गोवा के मंत्री थे। वित्त मंत्री ने बताया कि दिल्ली के मंत्री की चिंता इस बात पर अधिक थी कि उन पर कर लगाने से एक उभरता हुआ उद्योग खत्म हो जाएगा, हमारे युवाओं को इस उद्योग की जरूरत है। और, फिर इन कंपनियों को गए नोटिस का मुद्दा भी उठा रहे हैं। हमने उसे सुना। दिल्ली के मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस निर्णय पर 2.5-3 वर्षों से चर्चा हो रही है और क्या परिषद में लिया गया निर्णय एक युवा और युवा उद्योग को प्रभावित करने वाला है, जिसमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं। तो यह दिल्ली के मंत्री द्वारा ली गई लाइन थी। 

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