यूपी गेट पर एक किसान की मौत, आंदोलनरत किसानों ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

देश जहां एक ओर नए साल की शुरुआत में जश्न मना रहा है. वहीं दूसरी ओर साल की शुरूआत में ही दिल्ली यूपी-सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में एक किसान की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार, यूपी गेट पर बागपत के भगवानपुर निवासी 60 वर्षीय किसान गल्तान सिंह पंवार की आज (शुक्रवार) सुबह मृत्यु हो गई.

केंद्र सरकार द्वरा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसान गल्तान सिंह पंवार शामिल थे. आंदोलन के 37वें दिन शुक्रवार को मृत्यू हो गई. किसान गल्तान सिंह पंवार को निजी अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके पार्थिव शरीर को यूपी गेट पर ले जाया गया है. जहां सभी किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. किसान की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है.

बता दें कि यूपी गेट पर जिस किसान की आंदोलन के दौरान मौत हुई है उसका पार्थिव शरीर मंच के सामने रखा गया है. आंदोलनरत किसान उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर इस आंदोलन की पहली शहादत है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में शीतलहर के कहर से न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस पर रहा है. कड़कड़ाती ठंड के बावजूद देश के अन्नदाता खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे हैं. आज किसानों का आंदोलन 37वें दिन में प्रवेश कर चुका है. दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए किसान सर्द राते सड़क पर बिता रहे हैं.

आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती, वह अपने घरों को वापस नहीं जाएंगे. कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से किसान दिल्ली की दहलीज पर धरने में बैठे हैं. ऐसे मेंदिल्ली की कई सीमाएं और रास्ते बंद हैं.

सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की है. इस बैठक में किसान नेता 4 जनवरी 2020 को होने वाली बैठक और आगे के आंदोलन को कैसे चलाना है, इसको लेकरर रणनीति तैयार कर रहे हैं.

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