फ्लोर टेस्ट के वक्त पैसे की मांग का आरोप, राजद विधायक विभा देवी का बड़ा खुलासा

नवादा: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की विधायक और पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खुलकर नाराज़गी जताई है। विधानसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने राजद नेतृत्व, विशेष रूप से तेजस्वी यादव और उनके कुछ सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके और उनके परिवार की छवि को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।

विभा देवी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीति में कभी सम्मान से समझौता नहीं किया और न ही किसी तरह का भ्रष्टाचार किया है। उनका आरोप है कि सरकार गठन के दौरान तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं ने उनसे भारी धनराशि की मांग की थी, जो वह देने में असमर्थ थीं। इसके बावजूद उन्होंने और विधायक प्रकाश वीर ने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा, जबकि उन्हें दूसरी पार्टियों से ऑफर मिले थे।

“सम्मान बेचकर राजनीति नहीं करती”
विधायक ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है, क्योंकि उनके पति राजबल्लभ यादव लंबे समय से जेल में हैं। उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव के साथ हुई एक बैठक में उनके पति ने राजनीति से दूरी बनाने की बात कही थी और राजनीति में टिकने के लिए जिन गुणों की जरूरत बताई— जैसे झूठ बोलना, जनता को धोखा देना, भाईचारे में फूट डालना, रिश्वत लेना और ऊंचे नेताओं की चापलूसी करना— वे उनमें मौजूद नहीं हैं।

नवादा से उम्मीदवार चयन को लेकर उठाए सवाल
विभा देवी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के लिए नवादा सीट से उम्मीदवार तय करने के सिलसिले में तेजस्वी यादव ने फोन कर उनसे सलाह मांगी थी, लेकिन उनके पति ने स्पष्ट किया था कि उनका कोई विशेष उम्मीदवार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विनोद यादव को लेकर भ्रम फैलाया गया कि वे राजबल्लभ यादव के उम्मीदवार हैं, जबकि वे दरअसल तेजस्वी और लालू प्रसाद की पसंद थे।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर आखिरी वक्त में विनोद यादव का टिकट किन कारणों से काटा गया? उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर चल रहे खेल से जनता अनजान नहीं है। उन्होंने दावा किया कि हजारों लोग उस वक्त तेजस्वी यादव के आवास पर मौजूद थे और यह भी देखा गया कि वहां किस तरह दस्तावेज ट्रॉली बैग में पहुंचे थे।

“यह नवादा है, राघोपुर नहीं”
विभा देवी ने स्पष्ट कहा कि उनका और उनके परिवार का किसी भी तरह के सौदेबाज़ी से कोई लेना-देना नहीं रहा है। उन्होंने कहा, “यह नवादा है, राघोपुर नहीं, जहां एक दिन में करोड़ों रुपये बंटते हैं।” उन्होंने नवादा के लोगों के साथ अपने गहरे संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे हर स्थिति से भली-भांति परिचित हैं और सच्चाई सामने लाएंगी।

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