तालिबान से चल रही जंग के बीच अफगानिस्तान के सेना प्रमुख का भारत दौरा, क्या हैं इसके मायने?

अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। हर तरफ हिंसा के मंजर को देखते हुए वहां की सरकार बेबस नजर आ रही है। तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन भी मिल रहा है। ऐसे में अफगानिस्तान अब भारत की मदद से तालिबान को खदेड़ने की योजना बना सकता है। दरअसल, अफगानिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल वाली मोहम्मद अहमदजई 27-29 जुलाई को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह आर्मी चीफ एमएम नरवणे से मिलेंगे। यह भी खबरें हैं कि अफगान सेना चीफ से एनएसए अजित डोभाल भी मुलाकात कर सकते हैं।

अहमदजई का यह भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच हिंसा चरम पर है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इससे पहले अफगानिस्तान के डेप्युटी मिनिस्टर ऑफ एक्विजिशन ऐंड टेक्निकल प्लानिंग भी 11 से 16 जुलाई को भारत दौरे पर आने वाले थे लेकिन उनकी यह यात्रा अब बाद में होगी। 

माना जा रहा है कि अफगान सैन्य प्रमुख की इस यात्रा के दौरान अफगानिस्तान को सैन्य उपकरण या अन्य सैन्य सहायता देने पर चर्चा हो सकती है। बीते कुछ सालों से भारत ने अफगानिस्तान को सात हेलीकॉप्टर दिए हैं। इनमें से चार Mi24 अटैक हेलीकॉप्टर हैं तो वहीं बाकी तीन चीतल हेलीकॉप्टर हैं। इसके अतिरिक्त भारत मिलिटरी एकेडमी में अफगान कैडेट्स को ट्रेनिंग भी दे रहा है।

भारत ने अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में 3 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसमें सड़कों का निर्माण, एक महत्वपूर्ण बांध और देश के संसद भवन के निर्माण का काम शामिल है।

बता दें कि अमेरिकी सेना के हटते ही तालिबान ने अफगानिस्तान के अधिकांश इलाकों पर अपना कब्जा होने का दावा किया है। इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है और यहां तक कि भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने तक के निर्देश दिए गए हैं।

बढ़ती हिंसा के बीच भारत ने कांधार में अपने कॉन्सुलेट को अस्थायी तौर पर बंद कर 11 जुलाई को ही अपने स्टाफ को वापस बुला लिया था। 

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