बाढ़ और भूस्खलन के बाद अब ईंधन संकट, बसें थमीं और लोग पेट्रोल के लिए भटके

बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहे जिले में अब ईंधन की किल्लत ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति बाधित होने से कई पंपों पर बिक्री बंद हो गई है। डीजल न मिलने से निजी बस ऑपरेटरों ने गाड़ियां खड़ी कर दी हैं, जबकि दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल के लिए बार-बार पंपों के चक्कर लगा रहे हैं। सड़कों के खुलने के बावजूद जनजीवन अब तेल सप्लाई पर निर्भर हो गया है।

पेट्रोल-डीजल पर रोक, जरूरी सेवाओं को मिलेगा रिजर्व स्टॉक
प्रशासन ने सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिया है कि वे एंबुलेंस, अग्निशमन, आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई और सड़क बहाली में लगे वाहनों के लिए न्यूनतम रिजर्व स्टॉक बनाए रखें। साथ ही जमाखोरी और काला बाजारी पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। नियम तोड़ने पर भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दो साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

गैस की आपूर्ति सुचारू, दूध-सब्जी की किल्लत
जिले में घरेलू गैस सिलिंडरों की सप्लाई फिलहाल प्रभावित नहीं है और बुकिंग पर डिलीवरी मिल रही है। नागरिक आपूर्ति निगम के अनुसार, इस महीने निर्धारित आपूर्ति पूरी की जा चुकी है और आपात स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व सिलिंडर भी रखे गए हैं।
हालांकि दूध, पनीर, दही, मक्खन, ब्रेड और सब्जियों की डिलीवरी पिछले चार-पांच दिनों से रुकी हुई है। अधिकतर दूध लगवैली क्षेत्र से आता है, लेकिन वहां से सप्लाई ठप है। फिलहाल केवल पाहनाला से सीमित मात्रा में दूध मिल पा रहा है, जो पर्याप्त नहीं है।

बस सेवाएं बंद, लोग वाहन खड़े करने को मजबूर
स्थानीय निवासी संजय शर्मा, अजय शर्मा, बालक राम, मोहन सिंह, नरोत्तम ठाकुर और प्रेम सिंह ने बताया कि पेट्रोल न मिलने से उनकी कारें खड़ी हैं। वहीं, कुल्लू बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जम्वाल ने कहा कि डीजल की कमी और सड़कें बंद रहने के कारण कुल्लू-भुंतर-बजौरा रूट पर बस सेवा ठप हो गई है।

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