कांग्रेस आईटी सेल पर शिकंजा, पीएम मोदी की मां के एआई वीडियो मामले में केस दर्ज

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को दर्शाते हुए कांग्रेस द्वारा जारी किए गए एक कथित एआई वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई भाजपा की शिकायत के आधार पर की गई। नॉर्थ एवेन्यू थाने में दर्ज एफआईआर में कांग्रेस पार्टी और उसकी आईटी सेल को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 318(2), 336(3), 336(4), 340(2), 352, 356(2) और 61(2) के तहत दर्ज हुई है।

जानकारी के अनुसार, बिहार कांग्रेस ने 10 सितंबर को सोशल मीडिया पर यह एआई जनित वीडियो साझा किया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसी दिखने वाली छवि दिखाई गई। भाजपा ने इस वीडियो को “घृणित” बताते हुए आरोप लगाया कि इससे न सिर्फ प्रधानमंत्री का बल्कि देश की माताओं और बहनों का भी अपमान किया गया है।

भाजपा नेता ने की थी शिकायत
भाजपा दिल्ली चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक संकेत गुप्ता ने 12 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से डीपफेक वीडियो प्रसारित किया। इससे प्रधानमंत्री की छवि और उनकी मां की गरिमा को ठेस पहुंची है।

शिकायत में उल्लेख किया गया कि यह कृत्य सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है और महिलाओं की गरिमा, विशेषकर मातृत्व का उपहास करता है। साथ ही समाज में नफरत और अशांति फैलाने का प्रयास है।

पीएम की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप
भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया कि वीडियो में प्रधानमंत्री और उनकी मां की छवि को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। यह महिलाओं के सम्मान और बलिदान का अपमान है तथा राजनीतिक लाभ के लिए झूठी सामग्री का उपयोग कर जनता को गुमराह करने की कोशिश है। इसे राष्ट्र की नैतिकता और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ गंभीर अपराध बताया गया।

शिकायत में मांग की गई कि वीडियो तुरंत सोशल मीडिया से हटवाया जाए, तकनीकी जानकारी जैसे आईपी लॉग का पता लगाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

कानूनी कार्रवाई की मांग
शिकायत में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं 356 (मानहानि), 336 (इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जालसाजी), 351 (शांति भंग के लिए सामग्री का प्रसार), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66D और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के तहत भी मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई।

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