अगर एअर इंडिया ने वर्ष 2018 में अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) की ओर से दी गई सलाह को गंभीरता से लिया होता, तो अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को रोका जा सकता था। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की ताजा रिपोर्ट में इस हादसे की पृष्ठभूमि में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, FAA ने 17 दिसंबर 2018 को बोइंग 737 विमान के इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर स्पेशल एयरवर्थीनेस इंफॉर्मेशन बुलेटिन (SAIB) जारी किया था। इसमें आगाह किया गया था कि कुछ विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग मैकेनिज्म निष्क्रिय हो सकता है। यह चेतावनी कुछ अंतरराष्ट्रीय ऑपरेटरों द्वारा सामने लाई गई समस्याओं के आधार पर दी गई थी।
हालांकि FAA ने इसे सुरक्षा के लिहाज़ से तत्काल खतरनाक स्थिति नहीं माना और इसे केवल सुझाव के रूप में प्रस्तुत किया, कोई अनिवार्य तकनीकी निर्देश (एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव) नहीं जारी किया गया। एअर इंडिया ने इसी आधार पर उस सुझाव पर कोई कार्रवाई नहीं की और फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच नहीं कराई।
हादसे वाले विमान में वही समस्या वाला स्विच
जांच में पता चला है कि हादसे की शिकार एयरक्राफ्ट में वही फ्यूल कंट्रोल स्विच मौजूद था, जिसके लॉकिंग फीचर को लेकर FAA ने पहले ही चेताया था। बावजूद इसके, एअर इंडिया ने इसकी जांच नहीं कराई। कंपनी का कहना था कि यह सलाह सिर्फ एक सिफारिश थी, कोई बाध्यकारी आदेश नहीं।
फ्यूल स्विच में कोई खराबी नहीं पाई गई
विमान के रखरखाव से जुड़े दस्तावेजों की समीक्षा में सामने आया कि थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल 2019 और 2023 में बदले गए थे, हालांकि इनका सीधा संबंध फ्यूल कंट्रोल स्विच से नहीं था। साथ ही 2023 के बाद से अब तक इस हिस्से में किसी भी खराबी की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।
ईंधन आपूर्ति में रुकावट को बताया हादसे का कारण
AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे की संभावित मुख्य वजह इंजनों तक ईंधन की आपूर्ति का अचानक रुक जाना रही। फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही क्षणों में दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया क्योंकि उन्हें फ्यूल मिलना बंद हो गया था। साथ ही रैम एयर टरबाइन (RAT) के काम न करने के संकेत भी सामने आए हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी।