अमेरिका ने भारत को सौंपी 297 बहुमूल्य कलाकृतियां, बाइडन ने पीएम को दी वापस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के पहले दिन महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आदान-प्रदान देखने को मिला। अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 297 प्राचीन वस्तुएं भारत को सौंपी हैं जिन्हें तस्करी कर देश से बाहर ले जाया गया था।  2014 से अब तक पिछले दस वर्षों में भारत को कुल 640 प्राचीन वस्तुएं वापस मिली हैं, जिसमें से अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं लौटाई हैं। 

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो ने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने तथा बेहतर सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जुलाई, 2024 में एक सांस्कृतिक संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 

इसका लक्ष्य सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करना है। इस अवसर पर अमेरिकी पक्ष ने भारत से चोरी की गयी अथवा तस्करी के माध्यम से ले जायी गयी 297 प्राचीन वस्तुओं की वापसी में सहायता की है। इन्हें शीघ्र ही भारत को वापस लौटा दिया जाएगा। 

डेलावेयर में द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति बाइडन ने प्रतीकात्मक रूप से कुछ चुनिंदा वस्तुएं सौंपीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन कलाकृतियों की वापसी में सहयोग के लिए राष्ट्रपति बाइडन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करना और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना मकसद है। मैं राष्ट्रपति बाइडन और अमेरिकी सरकार का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने 297 अमूल्य धरोहर को भारत को वापस लौटाया है।

मंत्रालय के अनुसार वापस की गई कलाकृतियाँ लगभग लगभग 4000 वर्ष पुरानी अर्थात 2000 ईसा पूर्व से लेकर 1900 ईसवी तक की हैं। जो भारत के विभिन्न हिस्सों से ले जाई गई थीं। इनमें से अधिकांश पुरावशेष पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां हैं, जबकि अन्य वस्तुएं पत्थर, धातु, लकड़ी तथा हाथी दांत से बनी हैं। 

सौंपी गई कुछ उल्लेखनीय पुरावशेष वस्तुएं इस प्रकार हैं:

  • दक्षिण भारत से प्राप्त कांस्य के बने भगवान गणेश, 17-18वीं शताब्दी ई. के
  • 2000-1800 ईसा पूर्व से संबंधित उत्तर भारत से तांबे में तैयार मानवरूपी आकृति
  • दक्षिण भारत से प्राप्त भगवान कृष्ण की कांस्य मूर्ति 17-18वीं शताब्दी की प्रतिमा है
  • दक्षिण भारत से प्राप्त ग्रेनाइट में निर्मित भगवान कार्तिकेय की 13-14वीं शताब्दी की मूर्ति
  • दक्षिण भारत की पत्थर की मूर्ति पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईसवी तक की है
  • उत्तर भारत से प्राप्त बलुआ पत्थर से बनी भगवान बुद्ध की खड़ी प्रतिमा, जो 15-16वीं शताब्दी की है
  • पूर्वी भारत से प्राप्त भगवान विष्णु की कांस्य प्रतिमा 17-18वीं शताब्दी ई. की है
  • पूर्वी भारत से प्राप्त तीसरी-चौथी शताब्दी का बना टेराकोटा फूलदान
  • मध्य भारत से प्राप्त बलुआ पत्थर की 10-11वीं शताब्दी ई. की अप्सरा की मूर्ति
  • मध्य भारत से मिली कांस्य की बनी जैन तीर्थंकर की 15-16वीं शताब्दी की प्रतिमा

यह पहली बार नहीं है, जब अमेरिका ने भारत को चुराई गईं प्राचीन वस्तुएं वापस की हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में अमेरिकी सरकार ने बड़ी संख्या में तस्करी या चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं को भारत को सौंपा था। जून, 2016 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 10 पुरावशेष लौटाए थे। इसके बाद 2021 में उनकी यात्रा के दौरान 157 वस्तुएं और पिछले वर्ष जून में उनकी यात्रा के दौरान 105 पुरावशेष लौटाए थे। साल 2016 से लेकर अब तक अमेरिका ने भारत को 578 सांस्कृतिक कलाकृतियां सौंपी हैं। यह किसी भी देश द्वारा भारत को लौटाई गई सांस्कृतिक पुरावशेष की सर्वाधिक संख्या है।

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