पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज का आज निधन हो गया है. उनका जन्म 1933 में बॉम्बे में हुआ था. वह 1990 से 1993 तक भारतीय सेना के प्रमुख थे. उन्हें 8 नवंबर, 2004 को पंजाब का राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था. भारतीय सेना ने एक ट्वीट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. इसमें कहा गया कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और इंडियन आर्मी के सभी रैंकों के जनरल ने सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स के दुखद निधन पर संवेदना व्यक्त की है.
भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें एक विचार और रणनीतिकार के रूप में जाना जाता था. वह अपने पीछे राष्ट्र के लिए अत्यंत समर्पण और सेवा की विरासत अपने छोड़ गए हैं. रॉड्रिग्ज 1949 में भारतीय सैन्य अकादमी के संयुक्त सेवा विंग में शामिल हुए और 28 दिसंबर 1952 को आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुए. कई क्षेत्र और ऑटोमैटिक तोपखाने इकाइयों में सेवा देने के बाद उन्होंने 1964 में आर्टिलरी के एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट में पायलट ट्रेनिंग के लिए आवेदन किया और आर्टिलरी एविएशन पायलट के रूप में योग्यता प्राप्त की.
1972 में मिला विशिष्ट सेवा मेडल
1964 और 1969 के बीच उन्होंने विमान और हेलीकॉप्टरों पर 158 से अधिक उड़ान घंटे दर्ज किए. इसमें 1965 के युद्ध के दौरान 65 घंटे की लड़ाकू उड़ान शामिल थी. उन्होंने बाद में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में भाग लिया और 1971 में नया पद संभाला. 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया.
1979 से नवंबर 1981 तक रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में रहे मुख्य प्रशिक्षक
एक ब्रिगेडियर के रूप में एसएफ रॉड्रिग्ज ने 1975 से 1977 तक एक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक पर्वत पैदल सेना ब्रिगेड की कमान संभाली. इसके बाद रॉड्रिक्स ने यूनाइटेड किंगडम में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में 1978 के पाठ्यक्रम में भाग लिया. वह 1979 से नवंबर 1981 तक रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में मुख्य प्रशिक्षक थे.