नई दिल्ली: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) को लकेर देशभर में विरोध का माहौल है. सरकार ने अग्निवीरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए योजना में कई बड़े बदलाव भी किए. योजना के विरोध के बीच सरकार ने अग्निवीरों की पहली भर्ती के लिए नोटिफिकेशन (Agnipath Notification) जारी हो चुका है. इस बीच एएआई की एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को तीनों सेना प्रमुख पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान तीनों सेना प्रमुख भर्ती से संबंधित जानकारी पीएम मोदी को देंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते 14 जून को अग्निपथ योजना को लागू किया था. योजना के लागू होने के बाद से अभी तक इसको लेकर छात्रों और राजनेताओं का विरोध जारी है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों सेना प्रमुख के साथ बैठक करने वाले हैं और इस दौरान अग्निपथ योजना में भर्ती के बारें में तीनों सेना प्रमुख विस्तार से पीएम मोदी को जानकारी देंगे.
रक्षा मंत्री ने 14 जून को लागू की थी योजना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को इस योजना को शुरू करते हुए कहा था कि यह एक परिवर्तनकारी योजना है और इससे देश के सशस्त्र बलों को युवा प्रोफाइल मिलेगी.
योजना का नाम लिए और न ही उसके विरोध का जिक्र किए हुए पीएम मोदी ने रविवरा को संकेतों में कहा था कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छे इरादे से लाई गई कई अच्छी योजनाएं राजनीतिक रंग में फंस जाती है. उन्होंने कहा था कि टीआरपी और मजबूरी के चलते मीडिया भी इसमें घसीटा जाता है.
पीएम मोदी बोले- राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे ये फैसले
अब एक दिन बाद सोमवार को पीएम मोदी ने बेंगलुरु में कहा कि सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसले जरूर अनुचित और खराब लग सकते हैं लेकिन यही फैसले बाद में राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे.
केंद्र सरकार की इस योजना को लेकर देशभर में विरोध देखा जा रहा है. छात्रों के साथ साथ राजनीतिक जगत के लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को सरकार की नई भूल बताया है. वहीं दूसरी तरफ सेना ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह सेना के लिए एक बड़ा कदम है.
भर्ती किए गए 75% लोगों को लौटना पड़ेगा घर
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना में केंद्र सरकार 17 से 21 वर्ष की आयु के लोगों के युवाओं की सेना में चार साल के लिए प्रावधान रखा है. चार साल के बाद भर्ती किए गए अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत कर्मियों को आगे भी नौकरी में रखा जाएगा लेकिन 75 प्रतिशत लोगों को घर वापस लौटना पड़ेगा. छात्रों के विरोध के बाद सरकार ने योजना में बड़े बदलाव करते हुए रविवार को यह ऐलान किया था कि अगर कोई अग्निवीर नौकरी के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे.