जीतनराम मांझी को पुरस्कार फाइनल! विपक्षी एकता की बैठक से पहले बिहार में ऐसे आया राजनीतिक भूचाल

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मंत्री संतोष सुमन को क्या पुरस्कार देगी भारतीय जनता पार्टी? बिहार में इनकी पार्टी हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा (HAM) ने दो बातों की चर्चा उड़ा रखी है- 1. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए गवर्नर पद 2. पूर्व मंत्री संतोष सुमन के लिए गया संसदीय सीट का टिकट। लेकिन, क्या यह संभव है?  इस सवाल पर भाजपा के नेता चुप हो जा रहे हैं, लेकिन यह बात भी कह रहे हैं कि बिहारी गवर्नर बनाना संभव है। ऐसा इसलिए कि पहले से चला आ रहा बिहार का कोटा खाली है। बुधवार को मांझी और संतोष सुमन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने की औपचारिक जानकारी  दी।

मृदुला सिन्हा और गंगा प्रसाद की जगह खाली रही
इसी साल फरवरी में कई राज्यपालों का इस्तीफा लेकर और कई को दूसरे राज्य की कमान देकर बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया था। इस समय तक पटना के रहने वाले गंगा प्रसाद सिक्किम के राज्यपाल थे। फरवरी में उनकी जगह किसी बिहारी को राज्यपाल नहीं बनाया गया। इससे पहले मृदुला सिन्हा बिहार के खाते से राज्यपाल थीं। निधन के पहले ही वह पूर्व राज्यपाल हो गई थीं। बिहार के और भी राज्यपाल रहे हैं, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार के खाते से इन्हीं का नाम लिया जाता रहा है।

जीतनराम मांझी को नीतीश ने भी भाजपा का ही माना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी में दूसरी बार इस तरह की अनबन हुई। पहली बार जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी गद्दी छोड़ने का मन बनाया तो इन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। कुछ ही समय बाद नीतीश ने मांझी से अपनी कुर्सी वापस ले ली। इस बार उन्होंने मांझी को कोई कुर्सी नहीं दी, बल्कि उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्रीपद दिया और एमएलसी बनाया। दोनों ही बातों पर मुख्यमंत्री ने एक तरह से समझौता ही किया था, क्योंकि नीतीश और मांझी ने अब खुले रूप में स्वीकार किया है कि हम के जदयू के विलय की बात बार-बार उठ रही थी। पिछले हफ्ते जब संतोष सुमन ने मंत्रीपद से इस्तीफा दिया तो नीतीश कुमार ने साफ-साफ कहा कि जीतन राम मांझी अगर उनकी ओर रहते तो 23 जून को विपक्षी एकता के लिए होने वाली बैठक की बातें जाकर भाजपा को बताते। उन्होंने मुखबिरी का आरोप लगाते हुए यह भी कि मांझी उनके साथ थे, लेकिन भाजपा के लिए काम कर रहे थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here