यूपी के बहराइच में रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. इसमें गोली लगने से 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. इसके बाद से बहराइच आक्रोश की आग में झुलस रहा है. सोमवार को आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इस घटना पर सियासी बयानबाजी तेज है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने एक वीडियो शेयर करके दावा किया है कि राम गोपाल ने एक मुस्लिम परिवार के घर में घुसकर छत पर लगे झंडे को गिराया. इसके बाद भगवा झंडा फहराया. इसकी वजह से बवाल बढ़ा.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी की ओर से लिखा गया, बहराइच में जिस गोपाल को गोली लगी है, उसका वीडियो देखिए. गोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसा. वहां से हरा झंडा उतारा फेंका और जबरन भगवा झंडा लहराया. अब इस मासूम गोपाल के मन में ये करने का जहर किसने भरा? कौन इस साजिश में शामिल है ये समझना कठिन नहीं है.
इसी पोस्ट में सपा ने आगे लिखा, इस सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल हैं, जो अगले चुनाव तक यूपी के माहौल को दंगा-फसाद में झोंककर चुनाव जीतना चाहते हैं. अंततः एक मासूम से दंगाई बने गोपाल ने भाजपाई सियासत के चक्कर में अपनी जान गंवा दी. बहराइच का मामला पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेल्योर, पुलिस फेल्योर, भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्तालोभी कुकृत्य का परिणाम है.
सपा ने अपने पोस्ट में कहा है, इसमें आम मासूम नौजवान शिकार बन रहे, माहौल खराब हो रहा और जानें जा रहीं. इस मामले को हिंदू-मुस्लिम चश्मे से देखने के बजाय भाजपाई सत्ता लोभी साजिश के एंगल से देखेंगे, तभी सत्य दिखेगा. सपा के इस पोस्ट पर बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने पलटवार किया है.

ऐसी कार्रवाई होगी कि पीढ़ियां याद करेंगी
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ये तब हुआ जब विसर्जन के दौरान इसी घर से अकारण मां दुर्गा की प्रतिमा पर पथराव किया गया. जब चरमपंथियों ने मां दुर्गा की प्रतिमा को अपवित्र करने का प्रयास किया, जब मां के भक्तों पर कातिलाना हुआ. बाद में इसी घर में रखे हथियारों से हुई फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा को कई गोलियां मारी गईं. एकतरफा वीडियो बनवाकर हत्यारों को बचा नहीं पाएगा कोई, ऐसी कार्रवाई होगी कि पीढ़ियां याद करेंगी.