अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी साफ नजर आया, जहां सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में 3000 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी भी 900 अंक से नीचे लुढ़क गया।
निवेशकों की दौलत में जबरदस्त गिरावट
सोमवार सुबह होते ही शेयर बाजार में आई गिरावट ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया। महज 5 मिनट में निवेशकों की संपत्ति में करीब 19.39 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। शुक्रवार को बीएसई का बाजार पूंजीकरण जहां लगभग 4,03 लाख करोड़ रुपये था, वह सोमवार सुबह 3,83 लाख करोड़ रुपये तक आ गिरा।
यह गिरावट केवल भारत तक सीमित नहीं रही। अमेरिका के टैरिफ निर्णय का असर एशिया समेत दुनिया के कई अन्य बाजारों में भी देखने को मिला।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की स्थिति:
- ऑस्ट्रेलिया: 6.4% की गिरावट
- सिंगापुर एक्सचेंज: 7% से अधिक की गिरावट
- शंघाई क्रूड ऑयल: लगभग 7% की गिरावट
- हांगकांग (हैंग सेंग इंडेक्स): 9.28% की भारी गिरावट
- जापान: लगभग 20% की गिरावट
- ताइवान: 15% तक की गिरावट
ट्रंप की प्रतिक्रिया
शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि बाजार गिरे, लेकिन कई बार सुधार के लिए कड़े कदम जरूरी होते हैं।”
टैरिफ के प्रकार:
- बाउंड टैरिफ: आयात पर तय अधिकतम शुल्क
- प्रीफेरेंशियल टैरिफ: कुछ देशों के लिए कम शुल्क दर
- मोस्ट-फेवर्ड नेशन टैरिफ: सामान्य औसत दर
भारत पर टैरिफ
ट्रंप सरकार ने ‘जैसे को तैसा’ नीति के तहत भारत सहित कई देशों पर उच्च शुल्क लागू किया है। भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया है, ट्रंप ने कहा, “दूसरे देश हमारे उत्पादों पर जितना शुल्क लगाते हैं, हम उस पर उसका लगभग आधा ही लगा रहे हैं।”