बक्सर जिले के चौसा में महादेवा घाट और श्मशान घाट के बीच गंगा तट पर मिले 71 शवों को सोमवार की रात घाट पर ही पोस्टमॉर्टम कराने के बाद दफना दिया गया। शवों की पहचान को डीएनए जांच के लिए नमूने सुरक्षित रख लिए गए। सभी शवों के गल जाने के कारण कोरोना संक्रमण का पता नहीं लगाया जा सका।
गंगा तट पर बड़ी संख्या में शवों के मिलने की खबर वायरल होने के बाद सोमवार की देर शाम जिलाधिकारी अमन समीर और आरक्षी अधीक्षक नीरज कुमार सिंह प्रशासनिक टीम के साथ महादेवा घाट पहुंचे। शवों को इकट्ठा कर गिनती की गई। जेसीबी से श्मशान स्थल पर गड्ढों की खुदाई कराई गई। घाट पर प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस व चिकित्सकीय टीम के अलावा किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। लाइट भी बंद कर की दी गई थी। टार्च की रोशनी में पूरी प्रक्रिया की गई। सुबह मीडिया को वहां जाने की इजाजत मिली। डीएम ने कहा कि यहां जो भी शव मिले हैं, वे बक्सर के नहीं हैं। कहीं और से बहकर यहां आए हैं। दरअसल, चौसा के समीप सीमा क्षेत्र में गंगा की धारा का बहाव यूपी की ओर आता है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना था कि सभी शव दूसरे जिलों से बहकर नहीं आए हैं। तंगहाल स्थिति के कारण बहुत से स्थानीय लोग भी गंगा में शवों को प्रवाहित कर देते हैं।