प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य को कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चंपारण की ऐतिहासिक धरती केवल अतीत का गौरव नहीं, बल्कि भविष्य के बिहार की नींव भी बनेगी। पीएम मोदी ने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए बिहार को विकसित भारत के विजन में अहम भागीदार बताया।
बिहार के पूर्वी विकास का रोडमैप
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में बिहार के शहर भी देश के औद्योगिक और प्रशासनिक केंद्रों की तरह विकसित होंगे। उन्होंने कहा, “जैसे पश्चिम में मुंबई और गुरुग्राम हैं, वैसे ही पूरब में मोतिहारी, गया और पटना का नाम भी तेज़ी से उभरे, यही हमारा संकल्प है।”

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना
पीएम मोदी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर हमला बोलते हुए कहा कि जब केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें थीं, तो बिहार को केंद्र से बहुत सीमित आर्थिक मदद मिलती थी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस की तुलना में कई गुना अधिक राशि राज्य के विकास के लिए आवंटित की है।
उन्होंने कहा, “एक समय था जब बिहार निराशा में डूबा हुआ था। विकास की गति ठप थी। लेकिन आज आपने उस दौर को पीछे छोड़कर नई दिशा में कदम बढ़ाया है।”

गरीबों और महिलाओं को लेकर सरकार की योजनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत देशभर में बनाए गए चार करोड़ से अधिक घरों में से करीब 60 लाख सिर्फ बिहार में बने हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में करीब तीन लाख घर सिर्फ मोतिहारी में ही बनाए गए हैं। साथ ही उन्होंने जनधन योजना और पेंशन योजनाओं की भी उपलब्धियां गिनाईं।
उन्होंने कहा कि बिहार में “लखपति दीदी” अभियान के तहत 20 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया है। पूरे देश में इस योजना के तहत तीन करोड़ महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नक्सलवाद और सुरक्षा पर प्रधानमंत्री का संदेश
पीएम मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का ज़िक्र करते हुए कहा कि नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में बिहार की धरती से उठाया गया कदम अब अपने सकारात्मक परिणाम दे रहा है।

पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता देने की बात
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार का मिशन है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाए। दशकों से उपेक्षित रहे 110 जिलों को विकास की मुख्यधारा में लाना और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देना इसी नीति का हिस्सा है।
विपक्ष पर हमला: परिवारवाद और वोटबैंक की राजनीति
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ये दल वर्षों से गरीबों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते रहे हैं, लेकिन कभी भी उन्हें वास्तविक सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “इनकी राजनीति केवल परिवार तक सीमित रही है। हमें बिहार को इनके नकारात्मक प्रभाव से सुरक्षित रखना होगा।”