तेलंगाना में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि बीआरएस की सरकार 30 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है। उन्होंने दावा किया कि 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद बीआरएस को बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा। नड्डा ने सत्तारूढ़ दल के विधायकों पर राज्य सरकार की ‘दलित बंधु’ योजना में 30 प्रतिशत कमीशन वसूलने का आरोप लगाया।
भाजपा की सरकार बनने पर करप्शन की जांच
मतदान से पहले चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को तेलंगाना की जनता से भाजपा का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने नारायणपेट में भाजपा की रैली में यह भी आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना ने मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के लिए “एटीएम के रूप में काम किया” और यह “भ्रष्टाचार का प्रतीक” बन गया। उन्होंने कहा कि भाजपा तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद परियोजना में कथित भ्रष्टाचार की जांच करेगी और दोषियों को जेल भेजेगी।
तेलंगाना में ईंधन की कीमतें सबसे अधिक
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर वोटों की खातिर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए, भाजपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने एक विशेष समुदाय के आरक्षण को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करने के अलावा उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा बनाने का फैसला लिया। नड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि तेलंगाना में मंदिरों की भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। प्रदेश में महंगाई के आरोप लगाते हुए नड्डा ने दावा किया कि तेलंगाना 8.5 प्रतिशत मुद्रास्फीति से जूझ रहा है। ईंधन की कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं।
30 फीसदी कमीशन लेने के आरोप
बीआरएस विधायकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए नड्डा ने सवाल किया कि “क्या बीआरएस विधायकों ने दलित बंधु योजना की राशि में 30 प्रतिशत कमीशन नहीं लिया? क्या आपने (केसीआर) विधायकों की बैठक में नहीं कहा कि विधायक 30 प्रतिशत कटौती कर रहे हैं? उन्होंने जनता से भाजपा का समर्थन करने की अपील की और कहा कि 30 प्रतिशत कमीशन सरकार को नवंबर में विदा कर देना चाहिए। प्रदेश में भाजपा सरकार को चुनना चाहिए।
क्या है तेलंगाना सरकार की योजना, 10 लाख तक की मदद मिलती है
गौरतलब है कि तेलंगाना सरकार की ‘दलित बंधु’ योजना बीआरएस की एक प्रमुख दलित कल्याण योजना है। इसके तहत प्रति लाभार्थी को उसकी पसंद का कोई भी व्यवसाय शुरू करने के लिए राज्य सरकार 10 लाख रुपये की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करती है।