ध्यान भटका रही है भाजपा, शाह की माफी और इस्तीफा होना चाहिए: राहुल गांधी

संसद में आंबेडकर विवाद और धक्का-मुक्की कांड पर राहुल गांधी ने कहा कि शुरूआत हुई संसद से अडानी का यूएस में केस आया, हम उस पर चर्चा करना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा ने वह चर्चा नहीं होने दी. इसके बाद अमित शाह का बयान आया, हम पहले से कह रहे हैं कि भाजपा और आरएसएस की संविधान विरोधी, आंबेडकर विरोधी सोच है. उनका जो संविधान है उसे वह खत्म करना चाहते हैं. होम मिनिस्टर का जो माइंडसेट है वो उन्होंने सबके सामने दिखा दिया. हमने कहा उन्हें माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

राहुल गांधी ने कहा कि हम आंबेडकर प्रतिमा से संसद की ओर जा रहे थे, हमारे सामने बीजेपी सांसद आ जाते हैं जो लकड़ियां लिए थे और हमें रोक रहे थे, हम चाहते हैं कि होम मिनिस्टर माफी मांगे और इस्तीफा दें. उन्होंने कहा कि भाजपा अडानी पर चर्चा से बचने के लिए मुख्य मुद्दे से ध्यान भटका रही है.

भाजपा सांसदों ने मुझे धक्का दिया, हमारा मजाक उड़ाया: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम अपने सांसदों से साथ सदन में जा रहे थे, भाजपा के सांसद मकर द्वार पर आए और जबरदस्ती हमें रोका, हमारे साथ महिला सांसद भी थे, मैं किसी को धक्का देने की स्थिति में नहीं हूं. भाजपा के सांसदों ने मुझे भी धक्का दिया, मैं बैलेंस नहीं बना पाया और वहीं बैठ गया. मैंने उठकर बोलने की कोशिश की, इसीलिए मैं दोबारा उठा. हमारे साथ महिला सांसद थीं, उनके पास पुरुष सांसद थे जो हंगामा कर रहे थे, हमारा मजाक उड़ा रहे थे.

इससे पहले खरगे ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहेब आंबेडकर के खिलाफ जो बयान दिया है वो दुखदायी है. कल उन्होंने बिना फैक् के प्रेस कांफ्रेंस की थीं, कम से कम पहले जान लें फिर नेहरू जी को गालियां दो, आंबेडकर जी को अपमानित करो. मैं कहना चाहता हूं कि आज तक उन्होंने बाबा साहेब और जवाहर लाल नेहरू के बारे में जो कहा है वो सब झूठ है. अगर संसद में मुझे समय मिलता तो आज मैं बाबा साहेब आंबेडकर के लेटर के बारे में बताना चाहता था. बाबा साहेब अलीपुर रोड पर रहते थे वहां से उन्होंने एक खत अपने दोस्त को लिखा और उसमें स्पष्ट बताया था कि 1952 का चुनाव कैसे हुआ.

हमने कोई गड़बड़ करने की कोशिश नहीं की

खरगे ने कहा कि सदन में आज जो हुआ, उसमें हम कोई भी गड़बड़ करने की कोशिश नहीं की. 14 दिन तक हमने लगातार विरोध प्रदर्शन किया. हमारे पास अडानी का मुद्दा था, बीच में जब संविधान की चर्चा आई तो उस वक्त अमित शाह ने भगवान की व्याख्या भी अलग कर दी,उन्होंने आंबेडकर का मजाक उड़ाया. हम चाहते थे अमित शाह को प्रधानमंत्री बर्खास्त करें, लेकिन वो ऐसा करने वाले नही हैं. इसीलिए हम विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद में जा रहे थे.

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