लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश की सियासत नया मोड़ लेती दिख रही है। जहां पार्टियां अपने-अपने दांव पेंच अजमा रही हैं। इसी बीच बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने अपने बागी 7 विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनको बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब इन विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी रद्द करवाने की कोशिश करेंगी।
सपा को हराने के लिए बीजेपी को वोट देने को तैयार मायावती
अपने बागी विधायकों को पार्टी से निलंबन करते वक्त मायावती ने सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एमएलसी के चुनाव में बसपा जैसे को तैसा का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए चाहे फिर भाजपा को वोट देना पड़े तो भी देंगे।
सपा को देंगे जैसे को तैसा जवाब….
मायावती ने कहा कि समाजवादी और अखिलेश यादव ने मेरे खिलाफ जो साजिश रची थी, वह आगे चलकर बहुत महंगी पड़ेगी। अखिलेश यादव ने हमारी पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का फोन तक नहीं उठाया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पिछली विधानसभा चुनाव में सपा के साथ बसपा का गठबंधन का फैसला बिल्कुल गलत था, वो एक बहुत बड़ी भूल थी । लेकिन अब हमारी पार्टी उनका साथ नहीं देगी, अगर इसके लिए बीएसपी को राज्यसभा चुनावों में भाजपा का समर्थन करना पड़े तो करेंगे।
मायावती ने इन विधायकों को किया निलंबित
बता दें कि बीसपी प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी जिन सात विधायकों को पार्टी से निकाला है उनमें, विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह ( सगड़ी-आजमगढ़) के नाम शामिल हैं।
बागी विधायकों के खिलाफ दर्ज होगा मामला
सूत्रों के अनुसार बसपा विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से मिलकर सभी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील करने की तैयारी में है। जिनके खिलाफ 420 के तहत केस भी दर्ज हो सकता है। वहीं बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि खरीद फरोख्त की राजनीति समाजवादी की पुरानी परंपरा है। उन्होंने दल-बदल करवाकर कानून की धज्जियां उड़ाई हैं।