केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ओडीओपी कार्यक्रम चलाकर सशक्त यूपी ही नहीं, बल्कि हम सशक्त भारत भी बना रहे हैं। ओडीओपी अपने आप में इसलिए भी अनोखा है, क्योंकि आज का दिन पं. दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित है। उनका चिंतन यही है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का जब तक विकास न हो जाए, तब तक विकास का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। ओडीओपी का यह प्रयास अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का सराहनीय प्रकल्प है।
केंद्रीय मंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन वशिष्ठ हॉल-4 में ओडीओपी : एमपॉवरिंग ट्रेडिनशनल इंडस्ट्रीज इन यूपी सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 2018 से शुरू हुई चंद वर्षो की इस यात्रा ने 80 हजार से अधिक लोगों को ट्रेंड किया, यह बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए यूपी सरकार की सराहना करती हूं। वाराणसी, आगरा, लखनऊ की चिकनकारी समेत सभी जिलों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना बेहतर प्रयास है।
ईरानी ने कहा कि यह केवल उत्तर प्रदेश ही है, जो कई अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों का प्रबंध कर सकता है। एक तरफ लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट में जहां ग्लोबल लीडर्स हैं तो वहीं आगरा में जी-20 से जुड़े लोग हिंदुस्तान की उपलब्धियों से सीख रहे हैं। डिबेट व चर्चा की यह प्रक्रिया नए भारत के निर्माण की नींव है।
उन्होंने कहा कि ओडीओपी क्या दर्शाता है, कुछ के लिए यह कॉमर्स का माध्यम हो सकता है, कई के लिए यह उद्यम का माध्यम है और जो कौशल की दुनिया में हैं, उनके लिए यह प्रतिभाओं को आकर्षित करने का माध्यम है। हालांकि यदि आप किसी नागरिक से पूछते हैं कि वे ओडीओपी को शासन के एजेंडे के रूप में कैसे देखते हैं तो यह एक एजेंडा है, जो अंतिम छोर तक कॉमर्स के लाभ पहुंचाने में मदद करता है।
केंद्रीय मंत्री ने ओडीओपी से जुड़ी सफलता की कहानियों के संग्रह व ओडीओपी कैटलॉग का विमोचन भी किया।
प्रदेश सरकार के एमएसएमई, खादी व ग्रामोद्योग, हथकरघा व वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने कहा कि प्रधानमंत्री भी ओडीओपी की ब्रांडिंग कर रहे हैं। वहीं यूपी में सड़क, जल व वायु मार्ग की स्थिति समृद्ध होने से एमएसएमई क्षेत्र भी समृद्ध हुआ है। इसकी बदौलत रोजगार के अवसर भी सृजित हुए। 2018 में यूपी ने ओडीओपी की शुरुआत की और आज पूरे देश व दुनिया में यूपी से इसकी पहचान हुई है। ओडीओपी को बढ़ाने के लिए कई रोजगार परक योजना भी चला रहे हैं।