डिजिटल माध्यमों पर बढ़ती अश्लीलता और आपत्तिजनक सामग्री को लेकर केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अपनाया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि इन एप्लिकेशंस पर प्रसारित हो रही सामग्री भारतीय मूल्यों, सामाजिक नैतिकता और युवाओं की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही थी।
कंगना और रवि किशन ने जताया समर्थन
सरकारी कार्रवाई को अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने आवश्यक और सराहनीय कदम बताया है। उन्होंने कहा, “जब समाज में खुलेआम अनुचित और अमर्यादित सामग्री परोसी जा रही हो, तब सीमाएं तय करना जरूरी हो जाता है। इस फैसले की लंबे समय से प्रतीक्षा थी।” इसी तरह अभिनेता और गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने भी सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि डिजिटल आज़ादी के नाम पर अव्यवस्था की छूट नहीं दी जा सकती। नियमों की एक स्पष्ट रेखा होनी चाहिए।
किन प्लेटफॉर्म्स पर लगी रोक?
जिन एप्लिकेशनों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं, उनमें उल्लू, एएलटीटी, बिग शॉट्स, ऑल्ट बालाजी, नियॉनएक्स वीआईपी और देसीफ्लिक्स जैसे नाम प्रमुख हैं। इन पर ऐसे दृश्य और संवाद दिखाए जा रहे थे जिनमें नग्नता, अश्लील भाषा और पारिवारिक संबंधों को विकृत रूप में प्रस्तुत किया जा रहा था।
मंत्रालय ने इन गतिविधियों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय दंड संहिता की धारा 292 और महिलाओं के अशोभनीय चित्रण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1986 का उल्लंघन माना है। इस कार्रवाई के तहत सरकार ने 14 मोबाइल एप्लिकेशनों और 26 वेबसाइटों को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं।
पहले दी जा चुकी थी चेतावनी
सरकार की यह कार्रवाई पहली नहीं है। सितंबर 2024 में भी संबंधित ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर भारतीय कानूनों और आईटी नियमों के अनुरूप आचार संहिता का पालन करने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, बार-बार चेतावनी के बावजूद सामग्री की गुणवत्ता में कोई ठोस सुधार न होने पर यह कठोर कदम उठाया गया।