उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदानगर क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों से राहत-बचाव दलों ने शुक्रवार को पांच और शव बरामद किए। इसके साथ ही बादल फटने और भूस्खलन से हुई इस तबाही में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को अचानक आई बाढ़ और मलबे की चपेट में आकर कई मकान ढह गए थे। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, शुक्रवार को चार शव कुंतरी लगा फाली गांव और एक शव कुंतरी लगा सरपाणीं गांव से निकाले गए। गुरुवार को दो शव पहले ही मिल चुके थे।
गांवों में तबाही का मंजर
कुंतरी लगा फाली गांव में गुरुवार शाम राहतकर्मियों ने विक्टिम लोकेटिंग कैमरा की मदद से कुंवर सिंह (42) को जिंदा बाहर निकाल लिया था। फिलहाल उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। लेकिन शुक्रवार को उनके परिवार के तीन सदस्य—पत्नी कांता देवी (38) और बेटे विकास व विशाल—मलबे में मृत पाए गए। इसी गांव से देवेश्वरी देवी का शव भी बरामद हुआ।
वहीं, कुंतरी लगा सरपाणीं गांव से बरामद शव की पहचान 65 वर्षीय भागा देवी के रूप में हुई। उनके पति जगदंबा प्रसाद का शव गुरुवार को ही निकाला गया था।
अब भी लापता लोग
धुर्मा गांव में दो लोग—गुमान सिंह (75) और ममता सिंह (38)—अभी भी लापता हैं। तलाशी अभियान जारी है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी खुद मौके पर मौजूद रहकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
विस्थापन और घायलों का इलाज
इस आपदा में कुल 45 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। लगभग 12 लोग घायल हुए, जिनमें से गंभीर रूप से जख्मी सात वर्षीय बच्चे समेत कई घायलों को ऋषिकेश AIIMS में भर्ती कराया गया है। प्रभावित क्षेत्रों से 250 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि कुंतरी लगा फाली और सरपाणीं गांव में तलाशी अभियान पूरा हो चुका है। अब वहां मलबे में किसी के फंसे होने की आशंका नहीं है।