भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावनाएं मजबूत, ट्रंप ने जल्द समझौते के दिए संकेत

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह इशारा किया है कि भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से विचाराधीन अंतरिम व्यापार समझौता जल्द ही साकार हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस समझौते के अंतर्गत अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी, जैसा कि अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच हुए व्यापारिक समझौते में देखने को मिला था।

टैरिफ कम करने पर दोनों देश सहमत

भारत और अमेरिका के बीच चल रही वार्ताओं का मकसद यह है कि द्विपक्षीय व्यापार में सीमा शुल्क (टैरिफ) को 20% से नीचे रखा जा सके। एक पत्रकार वार्ता में ट्रंप ने कहा, “हमने इंडोनेशिया के साथ एक अच्छा समझौता किया है, जिसके तहत हमें उनके बाजार में पूरी पहुंच मिली है। भारत के साथ भी इसी दिशा में प्रगति हो रही है।”

उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका को इंडोनेशिया से ऊर्जा क्षेत्र में 15 अरब डॉलर, कृषि उत्पादों में 4.5 अरब डॉलर और 50 बोइंग विमानों की खरीद का वादा मिला है।

भारत जल्दबाज़ी में नहीं करेगा समझौता

हालांकि भारत ने साफ़ किया है कि वह किसी भी समयसीमा के दबाव में कोई समझौता नहीं करेगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत केवल वही समझौता स्वीकार करेगा जो देश के हितों के अनुकूल हो। अमेरिका द्वारा कई देशों को 1 अगस्त से प्रभावी नए टैरिफ की जानकारी पहले ही भेजी जा चुकी है, और भारत की ओर से इस पर जवाबी शुल्क से बचने का प्रयास जारी है।

व्यापारिक वार्ता के लिए वाशिंगटन में भारतीय टीम

इस विषय पर गहन चर्चा के लिए भारत के वाणिज्य मंत्रालय की एक प्रतिनिधिमंडल फिलहाल वाशिंगटन में मौजूद है। भारत ने डेयरी और कृषि क्षेत्र को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, और अब तक किसी भी देश के लिए अपने डेयरी सेक्टर को नहीं खोला है।

भारत की मांग: टैरिफ में छूट

भारत की मांग है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्क (26%) को हटाया जाए, खासकर इस्पात, एल्यूमीनियम (50%) और ऑटोमोबाइल (25%) पर लगने वाले शुल्कों में रियायत दी जाए। राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भारत सहित कुछ देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में कुछ समय के लिए स्थगित किया गया।

व्यापार समझौते का पहला चरण सितंबर-अक्टूबर तक संभव

दोनों देश सितंबर या अक्टूबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। इसी बीच, एक अंतरिम समझौते पर भी सहमति बनाने के प्रयास हो रहे हैं। वर्ष 2025 की अप्रैल-मई तिमाही में भारत से अमेरिका को वस्त्र निर्यात 21.78% बढ़कर 17.25 अरब डॉलर पहुंच गया, जबकि अमेरिका से भारत का आयात 25.8% बढ़कर 8.87 अरब डॉलर रहा।

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