हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के डलहौजी उपनगर तलाई में रविवार सुबह करीब 10 बजे बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में एक रेन शेल्टर और एक भवन बह गया। फ्लैश फ्लड का पानी गुनियाला गांव तक पहुंचा, जिससे कई वाहन और ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए। राहत की बात यह रही कि इस आपदा में किसी की जान नहीं गई।
तेज़ बारिश और भूस्खलन के चलते भरमौर-पठानकोट हाईवे पर भी मुश्किलें बढ़ीं। बाथरी के पास दिल्ली-चंबा रूट की वॉल्वो बस और एक कार मलबे में फंस गईं, हालांकि सभी यात्री सुरक्षित निकल आए। भारी वर्षा के कारण डलहौजी, बनीखेत, जिला मुख्यालय और पठानकोट का संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया।
शनिवार को ऊना, सोलन और चंबा जिलों में भी भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई। ऊना जिले में टकारला पंचायत के 100 से अधिक घरों और एक स्कूल में नाले का पानी घुस गया। चंबा में नदियों का जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन के कारण सुंदरासी से गौरीकुंड जाने वाला मार्ग बंद कर दिया गया, जिससे मणिमहेश यात्रा रोक दी गई।
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-नालागढ़ का फोरलेन भी बारिश में डूब गया, जहां बसें और ट्रैवलर वाहनों को ट्रैक्टर की मदद से बाहर निकाला गया। कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में भूस्खलन और जमीन धंसने से नौ घर खाली करवाने पड़े और प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से स्कूल भवन में शिफ्ट किया गया।
प्रदेशभर में 312 सड़कें, 97 ट्रांसफार्मर और 51 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। कुल्लू, धर्मशाला, मंडी और मनाली में भी बारिश का असर दिखा। कांगड़ा जिले में कई लिंक रोड भूस्खलन से बंद हो गए, जबकि सिरमौर जिले के कालाअंब में छह मकान खतरे की जद में आ गए।
इस बीच, मौसम विभाग ने बिलासपुर, चंबा, शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, ऊना, मंडी, हमीरपुर, सोलन और लाहौल-स्पीति में अगले छह घंटों के भीतर भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
प्रदेश में अब तक बारिश और उससे जुड़े हादसों में 298 लोगों की मौत हो चुकी है।
सड़क धंसने से फंसे वाहन, ग्रामीणों ने तार स्पेन से निकाले
कुल्लू जिले के लगघाटी क्षेत्र में नागूझौड़-दोघरी-समाणां सड़क 200 मीटर तक धंस गई। इस दौरान 20 से ज्यादा वाहन बीच रास्ते फंस गए। ग्रामीणों ने जोखिम उठाते हुए तार स्पेन की मदद से गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस साहसिक प्रयास का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।