सेना पर टिप्पणी मामला: राहुल को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा

भारतीय सेना को लेकर कथित बयान के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर फिलहाल रोक लगाने का निर्देश दिया है।

साथ ही, शीर्ष अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए संबंधित पक्षों से जवाब भी मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर आपने यह संसद में क्यों नहीं कहा और सोशल मीडिया पर क्यों कहा? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे हिंदुस्तानी है तो आपको यह नहीं कहना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास भले ही अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता है, लेकिन यह क्यों कहा. आप एक जिम्मेदार नेता हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता के तौर पर वह यह सब नहीं कह सकते, तो इसका क्या नतीजा निकलेगा?

“कोई सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा”

जस्टिस दत्ता ने कहा कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर कब कब्जा कर लिया? विश्वसनीय जानकारी क्या है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा. जब सीमा पार कोई विवाद हो तो क्या आप ये सब कह सकते हैं? आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते?

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि आपने हाईकोर्ट में दूसरी लाइन ली थी. सिंघवी ने कहा कि एक तरीका है कि आप विपक्ष के नेता बन जाएं और सब को बदनाम करें. लेकिन यहां ऐसा नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया. रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने तीन सप्ताह में जवाब मांगा.

राहुल गांधी ने क्या बयान दिया था?

राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था क्योंकि उन्होंने सेना को लेकर टिप्पणी की थी. राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी सैनिक “अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं.” यह टिप्पणी 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई थी.

कांग्रेस नेता ने कहा था, लोग भारत जोड़ो यात्रा, अशोक गहलोत और सचिन पायलट वगैरह के बारे में इधर-उधर पूछेंगे. लेकिन वे चीन के 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिकों को मारने और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछेंगे. भारतीय प्रेस उनसे इस बारे में एक सवाल भी नहीं पूछता. उनके इसी बयान को लेकर मामला दर्ज किया गया था.

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था और एक निचली अदालत ने उन्हें समन जारी किया था. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्यवाही और समन रद्द करने की मांग की.

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