पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की करारी हार क्यों हुई, रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी ‘सीडब्ल्यूसी’ की बैठक में इस बात पर गहराई के साथ मंथन किया गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा अपने पदों से इस्तीफा देने की पेशकश की गई थी, लेकिन सीडब्लयूसी के सदस्यों ने उसे सिरे से खारिज कर दिया। सोनिया गांधी ही पार्टी का नेतृत्व करेंगी, इस बात पर तकरीबन सभी सदस्य सहमत नजर आए। अगले ही दिन सोनिया गांधी का एक्शन प्लान लागू हो गया। सोमवार को कांग्रेस पार्टी के ट्विटर पर प्लान ‘ओपीएस’ देखने को मिला। कांग्रेस की ‘सरदार’ सोनिया गांधी ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ के जरिए ‘केंद्र और भाजपा’ शासित राज्यों की सरकारों को घेरेंगी।
2004 के बाद से राष्ट्रीय पेंशन स्कीम
देश में पुरानी पेंशन को लेकर केंद्र और विभिन्न राज्यों के सरकारी कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। पहले इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के कर्मियों की तरफ से मांग पत्र या ज्ञापन मिलते रहे हैं, लेकिन अब सभी राज्यों में इस बाबत आवाज उठने लगी है। कांग्रेस पार्टी की सत्ता वाले राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने पुरानी पेंशन दोबारा से लागू कर दी है। एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों को पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर उन्हें एनपीएस ‘राष्ट्रीय पेंशन स्कीम’ में शामिल कर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों ने इसका विरोध किया, लेकिन उन्हें दोबारा से ‘ओपीएस’ का हिस्सा नहीं बनाया गया। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के सदस्य (स्टाफ साइड) एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी.श्रीकुमार तो पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि ‘पुरानी पेंशन व्यवस्था’ के मुद्दे पर देश में आंदोलन किया जाएगा। इसमें केंद्रीय विभागों की कर्मचारी एसोसिएशन शामिल होंगी। इसके अलावा राज्यों के कर्मचारी संगठनों से भी बात होगी।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से बाहर
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था, ‘हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें, तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा और सदस्य सी. श्रीकुमार ने वित्त मंत्रालय एवं डीओपीटी के समक्ष पुरानी पेंशन व्यवस्था को दोबारा से लागू करने की मांग की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी ‘पुरानी पेंशन व्यवस्था’ से बाहर कर दिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को अपने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ओल्ड पेंशन स्कीम, देश के लिए नजीर बनेगी। इसमें राजस्थान के एक सेवानिवृत्त शिक्षक बोल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के फैसलों के प्रति विश्वास जताया है।
सीएम गहलोत ने कहा है, कांग्रेस शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी, पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा करेगी। पार्टी द्वारा गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों पर भी ओपीएस को लागू करने का दबाव बनाया जाएगा। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चुनिंदा लोगों और मित्रों को छोड़कर समाज का कोई भी वर्ग आज सुखी नहीं है। जनता पर दोहरी मार पड़ी है, एक तरफ आमदनी घट रही है तो दूसरी तरफ उसकी बचत पर भी सरकार चपत लगा रही है। कांग्रेस ने हमेशा न्याय की लड़ाई लड़ी है, यही कारण है कि वो आज भी खड़ी है।
आगामी चुनावों में भुनाने की तैयारी
परिणामों से घबराकर हम अपने रास्ते नहीं बदलेंगे, बल्कि मजबूत रास्ते बनाएंगे- सत्य और न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए। कांग्रेस पार्टी 2022, 2023 के आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव की चुनौतियों से मुस्तैदी के साथ निपटेगी। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने एक झटके में पीएफ पर ब्याज दर घटा तो दी, लेकिन उसका प्रभाव आम लोगों की जिंदगी पर कैसे पड़ेगा, इसके बारे में नहीं बताया है। सरकार की नीतियों की मार का प्रभाव सीधे-सीधे आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल का कहना था कि पेंशन का मुद्दा बड़ा है। उन्होंने मोदी सरकार पर ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को सही तरीके से लागू नहीं करने का आरोप लगाया। इसे कोश्यारी समिति की सिफारिशों के अनुसार ही लागू करना चाहिए था। मौजूदा सरकार ने कोश्यारी समिति की सिफारिश से विपरीत, ओआरओपी की व्याख्या को ही बदल डाला।