डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में हलचल, ऑपरेशन सिंदूर के दावों पर कंपनी ने तोड़ी चुप्पी

पेरिस। राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में हाल के दिनों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आई अटकलों के बीच सोमवार को जहां इसके शेयरों में उछाल दर्ज किया गया, वहीं मंगलवार सुबह थोड़ी गिरावट के बाद दोबारा तेजी आई। पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर यह शेयर मामूली बढ़त के साथ 297.20 यूरो पर कारोबार कर रहा है। हालांकि, बीते एक महीने में इसमें लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

ऑपरेशन सिंदूर: राफेल को लेकर दावे बेबुनियाद

पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल विमानों को निशाना बनाया गया था। लेकिन डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

फ्रांसीसी वेबसाइट Avions de Chasse से बातचीत में ट्रैपियर ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में भारत ने कोई राफेल विमान नहीं गंवाया। उन्होंने बताया कि तकनीकी समस्या के चलते एक विमान में गड़बड़ी जरूर आई थी, लेकिन यह दुश्मन की किसी कार्रवाई का नतीजा नहीं था। यह घटना एक परीक्षण उड़ान के दौरान लगभग 12,000 मीटर की ऊंचाई पर हुई थी, जहां किसी प्रकार का रडार संपर्क या शत्रु गतिविधि नहीं पाई गई।

भारतीय रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने भी मीडिया से बातचीत में पाकिस्तान के दावों को गलत बताते हुए कहा कि चार दिन की कार्रवाई के दौरान भारत ने कोई राफेल विमान नहीं खोया। उन्होंने इन दावों को असत्य और भ्रामक करार दिया।

शेयर बाजार में गतिविधियां और संभावनाएं

डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में हालिया उतार-चढ़ाव निवेशकों का ध्यान खींच रहे हैं। लक्ष्मीश्री रिसर्च के प्रमुख अंशुल जैन के अनुसार, बीते 18 सप्ताह से यह शेयर एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और इसका औसत मूल्य 299 यूरो प्रति शेयर के करीब है। इस स्थिरता ने तकनीकी चार्ट में शॉर्ट टर्म ब्रेकआउट की संभावनाएं बढ़ा दी हैं।

जैन का मानना है कि अगर यह शेयर 306 यूरो के स्तर को पार कर मजबूती से बंद होता है, तो यह तेजी के नए चरण की शुरुआत हो सकती है और इसे 330 यूरो के स्तर तक पहुंचते देखा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों को इस संभावित ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम पैटर्न पर नजर रखनी चाहिए।

निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

डसॉल्ट एविएशन को लेकर बनी गलतफहमियों के दूर होने और राफेल की विश्वसनीयता बरकरार रहने के चलते कंपनी की साख मजबूत बनी हुई है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि शेयर में तेजी आती है तो यह निवेशकों के लिए लाभकारी अवसर बन सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि किसी भी निर्णय से पहले बाजार की दिशा और ट्रेडिंग वॉल्यूम को ध्यान में रखना चाहिए।

फिलहाल, कंपनी का शेयर स्थिरता के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन यदि आने वाले दिनों में यह 306 यूरो का स्तर पार करता है, तो एक बार फिर तेजी की लहर देखने को मिल सकती है।

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