नई दिल्ली : दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उमर और उनके साथी पूरी दिल्ली को जाम करना चाहते थे. पुलिस ने कोर्ट में जेसीसी के ह्वाट्सएप ग्रुप की चैट को प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि कह दो हम जामिया से हैं, दिल्ली का चक्का जाम कर देंगे. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर और सिद्धार्थ मृदुल की पीठ उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. दिल्ली पुलिस की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने बुधवार को अपनी दलील रखी थी. शुक्रवार को खालिद की तरफ से वकील त्रिदीप पेस ने अपना पक्ष रखा. इसको सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
जमानत याचिका पर 20 से अधिक दिन तक सुनवाई हुई है, जिसमें करीब चार माह का वक्त लगा है. सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक टिप्पणी की थी कि ऐसा लग रहा है कि वह दोषी होने के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई कर रहे हैं, न कि जमानत याचिका की.
खालिद को दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया था. उस पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, दंगा फैलाने और यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. बीते मार्च में कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद से हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है.