राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से गुरुग्राम तक की यात्रा करने वालों के लिए राहत की खबर है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक हाई-स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा है, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय घटकर केवल 20 से 25 मिनट रह जाएगा। अभी यह सफर आमतौर पर एक घंटे से अधिक का हो जाता है, विशेषकर ट्रैफिक वाले समय में।
कॉरिडोर की रूपरेखा और प्रस्तावित मार्ग
गडकरी द्वारा प्रस्तावित योजना दो चरणों में विभाजित है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पहला विकल्प तालकटोरा स्टेडियम या ग्यारह मूर्ति क्षेत्र से एक नया मार्ग विकसित करने का है, जो लगभग 30 किलोमीटर लंबा होगा। यह मार्ग यात्रियों को आधे घंटे में गुरुग्राम तक पहुंचाने में सक्षम हो सकता है।
दूसरे विकल्प के तहत एक एलिवेटेड रोड या भूमिगत सुरंग की संभावना तलाशी जा रही है, जो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से शुरू होकर एम्स-महिपालपुर बाईपास तक जाएगी। इस परियोजना पर हाल ही में केंद्रीय मंत्री गडकरी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी, जिसमें दोनों विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की गई।
एनएच-48 और एमजी रोड पर दबाव होगा कम
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इससे एनएच-48 और एमजी रोड पर ट्रैफिक का दबाव काफी घटेगा। साथ ही यात्रियों को एक वैकल्पिक, तेज और सुविधाजनक मार्ग मिलेगा।
पूर्व प्रस्ताव और द्वारका एक्सप्रेसवे की भूमिका
इससे पहले मंत्रालय ने एम्स से महिपालपुर तक लगभग 20 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क का सुझाव दिया था, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह योजना अकेले दिल्ली के मध्य हिस्से के यातायात दबाव को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं थी।
वहीं, द्वारका एक्सप्रेसवे पहले से निर्माणाधीन है। यह शिवमूर्ति, महिपालपुर से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाएगा। 27.6 किलोमीटर लंबे इस 16 लेन के एक्सप्रेसवे के जरिए यात्री एनएच-48 की भीड़ से बचते हुए सीधे दिल्ली एयरपोर्ट और गुरुग्राम के बीच सफर कर सकेंगे।